Kartik Month 2023: कार्तिक माह में करें तुलसी के ये उपाय, जल्द बनेंगे विवाह के योग
Kartik Maas 2023 हिंदू धर्म में कार्तिक माह भगवान विष्णु जी की आराधना के लिए समर्पित है। ऐसे में यदि कोई साधक इस माह में श्रद्धाभाव से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करता है तो उसे पुण्य फलों की प्राप्ति हो सकती है। कार्तिक महीना त्योहारों का महीना भी माना जाता है क्योंकि इसी माह में मुख्य त्योहार और व्रत जैसे दिवाली और छठ पर्व आदि मनाए जाते हैं।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Sat, 04 Nov 2023 10:49 AM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Kartik Maas Upay: 29 अक्टूबर, 2023 रविवार के दिन से कार्तिक मास की शुरुआत हो चुकी है, जिसका समापन 27 नवंबर, सोमवार के दिन होगा। कार्तिक माह के अंत के साथ चातुर्मास (Chaturmas) का भी अंत होता है। कार्तिक माह में तुलसी पूजन का भी विशेष महत्व है। इसी माह में तुलसी विवाह भी किया जाता है। ऐसे में कार्तिक माह में तुलसी के कुछ उपाय करने से साधक के शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं।
करें ये उपाय
यदि किसी जातक की शादी में अड़चन आ रही है, तो ऐसे में कार्तिक के इस पवित्र माह में तुलसी से जुड़े कुछ उपाय जरूर करने चाहिए। रोजाना सूर्योदय से पहले उठकर, स्नान आदि से निवृत होने के बाद तुलसी में जल अर्पित करें। इस उपाय को करने से साधक के विवाह में आ रही सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं।
मिलेगा योग्य वर
माना जाता है कार्तिक माह में ही माता तुलसी और शालिग्राम का विवाह हुआ था, इसलिए इस महीने का महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसे में देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह जरूर करना चाहिए। इस उपाय को करने से कन्याओं को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है।यह भी पढ़ें - Shani Dev Puja Tips: भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए आजमाएं ये उपाय, भूलकर भी न करें ये गलतियां
खुशहाल रहेगा वैवाहिक जीवन
कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन या फिर एकादशी के दिन तुलसी माता को लाल चुनरी अर्पित करनी चाहिए। हिंदू धर्म में लाल चुनरी को सुहाग का प्रतीक माना गया है। ऐसे में यदि आप इस उपाय को करते हैं तो इससे जल्द ही विवाह के योग बनते हैं। साथ ही दांपत्य जीवन में आ रही बाधाओं से भी मुक्ति मिलती है।WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करें.डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'