Kartik Month 2023: कार्तिक मास में करें तुलसी जी के ये उपाय, देखते ही देखते दुख-दर्द हो जाएंगे दूर
Kartik Maas Upay इस साल 29 अक्टूबर 2023 रविवार के दिन से कार्तिक मास की शुरुआत हो चुकी है। हिंदू धर्म में तुलसी को पूजनीय माना गया है। कार्तिक मास में तुलसी पूजन का महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसे में यदि आप कार्तिक माह में तुलसी से जुड़े कुछ उपाय करते हैं तो इससे आपको भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Tue, 31 Oct 2023 12:47 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Kartik Maas 2023: हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार आठवां महीना कार्तिक मास होता है। यह माह भगवान विष्णु का प्रिय माह माना गया है, यही कारण है कि इस माह में श्री हरि की उपासना की जाती है। कार्तिक माह में पवित्र नदी में स्नान और दान करनी बहुत-ही पुण्यदायी माना गया है। साथ ही इस माह में तुलसी पूजन करने से भी साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में आइए जानते हैं कार्तिक माह में तुलसी से जुड़े कुछ उपाय।
कार्तिक मास के तुलसी उपाय
कार्तिक माह में प्रतिदिन तुलसी के पौधे में जल अर्पित करना चाहिए। साथ ही शाम के समय तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से धन की देवी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। आप चाहें तो तुलसी पर कच्चा दूध भी चढ़ा सकते हैं, इससे दरिद्रता का नाश होता है।WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करें.
इस दिशा में रखें पौधा
तुलसी का पौधा रखने के लिए दिशा का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। तुलसी के पौधे को रखने के लिए उत्तर-पूर्व दिशा को बहुत ही शुभ माना गया है। ऐसा करने से व्यक्ति के भाग्य में वृद्धि होती है।
विष्णु जी को लगे भूख
भगवान विष्णु को तुलसी बहुत-ही प्रिय मानी गई है। साथ ही उनका कोई भी भोग तुलसी के बिना अधूरा माना जाता है। इसलिए कार्तिक माह में भगवान विष्णु को भोग लगाते समय उसमें तुलसीदल जरूर रखें। इससे भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की कृपा भी आप और आपके परिवार पर बनी रहती है।तुलसी जी को ये चीजें करें अर्पित
कार्तिक माह में तुलसी विवाह भी किया जाता है। ऐसे में आप तुलसी पर सुहाग की सामग्री जैसे - चूड़ी, सिंदूर, बिछिया समेत अन्य सुहाग की सामग्री अर्पित कर सकते हैं। साथ ही तुलसी जी को लाल चुनरी भी चढ़ानी चाहिए। ऐसा करने से पति-पत्नी के रिश्ते में मिठास बनी रहती है।