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Kartik Month 2023: कार्तिक माह में पवित्र नदी में स्नान करने से धुल जाते हैं सारे पाप, जानें इसके नियम

Kartik Month 2023 Date कार्तिक माह को धार्मिक दृष्टि से बहुत-ही पुण्यदायी माना गया है। साथ ही इस महीने में पवित्र नदी में स्नान दान तुलसी पूजा का भी विशेष महत्व है। कई साधक भगवान श्री हरि की कृपा प्राप्ति के लिए कार्तिक माह में प्रतिदिन स्नान करते हैं। इसे कार्तिक स्नान के नाम से जाना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कार्तिक माह में स्नान नियम।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Fri, 27 Oct 2023 01:35 PM (IST)
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Kartik Month 2023 कार्तिक माह में स्नान के नियम।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Kartik Snan Niyam: हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के बाद कार्तिक मास की शुरुआत हो जाती है। यह महीना भगवान विष्णु का प्रिय महीना भी माना जाता है, इसलिए यह माह विष्णु जी की आराधना के लिए समर्पित है। साथ ही इस माह को तप और व्रत का माह भी कहा जाता है। शरद पूर्णिमा की समाप्ति के साथ ही कार्तिक माह का शुभारंभ होने जा रहा है। इस साल कार्तिक मास की शुरुआत 29 अक्टूबर 2023 से होने जा रही है, जिसका समापन कार्तिक पूर्णिमा के दिन यानी 27 नवंबर 2023 को होगा।

कार्तिक माह में स्नान का महत्व (Kartik Month Importance)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक माह में भगवान विष्णु मत्स्य के रूप में जल में निवास करते हैं। ऐसे में कार्तिक महीने में सूर्योदय से पहले उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करना बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसके सभी पाप धुल जाते हैं।

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कार्तिक स्नान के नियम (Kartik Snan ke Niyam)

  • कार्तिक स्नान सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में करना चाहिए, तभी वह फलदायी माना जाता है।
  • स्नान करते समय गायत्री मंत्र का जप करने से साधक के सौभाग्य में वृद्धि होती है।
  • कार्तिक स्नान करने वाले साधक को शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए।
  • स्नान के बाद तुलसी में जल देकर परिक्रमा करें। साथ ही, शाम के समय तुलसी पर घी का दीया जलाएं।
  • कार्तिक स्नान और व्रत करने वालों साधकों को राई, खटाई और मादक वस्तुओं से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
  • कार्तिक स्नान का पालन करने वाले लोगों को मांसाहार, बासी या झूठा अन्न खाने से बचना चाहिए।

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