Move to Jagran APP

Kartik Purnima 2023: कार्तिक पूर्णिमा पर 'शिव' योग का हो रहा है निर्माण, हर समस्या का होगा समाधान

इस अवसर पर श्रद्धालु गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। इस वर्ष 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है। इससे एक दिन पूर्व देव दीपावली है। ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर दुर्लभ शिव योग का निर्माण हो रहा है। शास्त्रों में निहित है कि कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक असुर का वध किया था।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 23 Nov 2023 10:00 AM (IST)
Hero Image
Kartik Purnima 2023: कार्तिक पूर्णिमा पर 'शिव' योग का हो रहा है निर्माण, हर समस्या का होगा समाधान
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kartik Purnima 2023: सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन पूजा, जप-तप और करने का विधान है। इस अवसर पर श्रद्धालु गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। इस वर्ष 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है। इससे एक दिन पूर्व देव दीपावली है। ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर दुर्लभ शिव योग का निर्माण हो रहा है। शास्त्रों में निहित है कि कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक असुर का वध किया था। अतः कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली मनाई जाती है। आइए, कार्तिक पूर्णिमा पर बनने वाले शुभ योग और मुहूर्त के बारे में जानते हैं-

यह भी पढ़ें: देवों की भाषा संस्कृत से चुनें अपने बच्चे के लिए सार्थक नाम, जानिए इनका अर्थ

शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा की तिथि 26 नवंबर को शाम 03 बजकर 53 मिनट से शुरू होगी और 27 नवंबर को 02 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी।

शिव योग

कार्तिक पूर्णिमा पर शिव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण देर रात 11 बजकर 39 मिनट तक है। ज्योतिष शिव योग को शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से अमोघ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं।

सिद्ध योग

कार्तिक पूर्णिमा पर शिव योग के बाद सिद्ध योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण 11 बजकर 39 मिनट पर हो रहा है, जो अगले दिन तक है। ज्योतिष सिद्ध योग को शुभ मानते हैं।

करण योग

कार्तिक पूर्णिमा पर बव और बालव करण का निर्माण हो रहा है। बव करण का निर्माण दोपहर 02 बजकर 45 मिनट तक हो रहा है। इसके बाद बालव करण का निर्माण होगा। ज्योतिष दोनों ही करण को शुभ मानते हैं। इन योग में महादेव की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

यह भी पढ़ें: देव दीपावली पर दुर्लभ 'भद्रावास' योग का हो रहा है निर्माण, प्राप्त होगा अक्षय फल

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'