Kartik Purnima 2024 Date: कार्तिक पूर्णिमा पर ऐसे करें मां लक्ष्मी की आरती, प्राप्त होगा मनचाहा फल
कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत शुभ माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल कार्तिक मास की पूर्णिमा (Kartik Purnima 2024) 15 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी। ऐसा माना जाता है कि इस दिन धार्मिक कार्यों को करने से जीवन में शुभता आती है और घर में सुख और शांति बनी रहती है तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ बातों को जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पूर्णिमा का दिन बेहद शुभ माना जाता है। यह प्रत्येक महीने मनाई जाती है। कार्तिक महीने की पूर्णिमा को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन पर लोग श्री हरि विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने से व्यक्ति का सोया हुआ भाग खुलता है और जीवन में खुशहाली आती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक मास की पूर्णिमा (Kartik Purnima 2024 Date) 15 नवंबर, 2024 को मनाई जाएगी। जो लोग देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने की कामना करते हैं, उन्हें उनकी विधि अनुसार पूजा करनी चाहिए।
ऐसे में सुबह उठकर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। धन की देवी को कमल का फूल अर्पित करने के बाद उनकी आरती करें। इससे वो प्रसन्न होकर मनचाहा फल प्रदान करती हैं, तो आइए यहां पर देवी की आरती पढ़ते हैं।
॥ आरती श्री लक्ष्मी जी ॥ (Laxmi Mata Aarti)
ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता।तुमको निशिदिन सेवत,हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥उमा, रमा, ब्रह्माणी,तुम ही जग-माता।सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥दुर्गा रुप निरंजनी,सुख सम्पत्ति दाता।जो कोई तुमको ध्यावत,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥पंचांग को देखते हुए कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान-दान (Kartik Purnima 2024 Snan-Daan Muhurat) का शुभ मुहूर्त सुबह 04 बजकर 58 मिनट से सुबह 05 बजकर 51 मिनट तक रहेगा।
तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता।कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता।सब सम्भव हो जाता,मन नहीं घबराता॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥तुम बिन यज्ञ न होते,वस्त्र न कोई पाता।खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥इस पावन दिन पर चंद्रोदय शाम 04 बजकर 51 मिनट पर होगा। इस समय आप च्रंदमा से जुड़े पूजन अनुष्ठान कर सकते हैं। साथ ही चंद्रमा की रोशनी में बैठकर ध्यान कर सकते हैं।
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर,क्षीरोदधि-जाता।रत्न चतुर्दश तुम बिन,कोई नहीं पाता॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई जन गाता।उर आनन्द समाता,पाप उतर जाता॥ॐ जय लक्ष्मी माता॥यह भी पढ़ें: Dev Deepawali 2024: क्यों मनाई जाती है देव दीवाली? बेहद महत्वपूर्ण है यह त्योहार
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