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Karwa Chauth 2023: करवा चौथ पर दुर्लभ 'शिव' योग का हो रहा है निर्माण, प्राप्त होगा महादेव का आशीर्वाद

धार्मिक मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत करने से विवाहित महिलाओं को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। अतः विवाहित महिलाएं भक्ति भाव से करवा चौथ का व्रत रखती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो करवा चौथ पर दुर्लभ शिव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में माता करवा की पूजा करने से व्रती को महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 25 Oct 2023 01:09 PM (IST)
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Karwa Chauth 2023: करवा चौथ पर दुर्लभ 'शिव' योग का हो रहा है निर्माण, प्राप्त होगा महादेव का आशीर्वाद

धर्म डेस्क, नई दिल्ली | Karwa Chauth 2023: हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ मनाया जाता है। तदनुसार, इस वर्ष 1 नवंबर को करवा चौथ है। इस दिन विवाहित महिलाएं करवा माता की विशेष पूजा-अर्चना करती हैं। साथ ही अखंड सुहाग हेतु करवा माता के निमित्त व्रत-उपवास रखती हैं। धार्मिक मान्यता है कि करवा चौथ का व्रत करने से विवाहित महिलाओं को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही पति की आयु लंबी होती है। अतः विवाहित महिलाएं भक्ति भाव से करवा चौथ का व्रत रखती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो करवा चौथ पर दुर्लभ 'शिव' योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में माता करवा की पूजा करने से व्रती को महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होगा। उनकी कृपा से व्रती की सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण होंगी। आइए, शुभ मुहूर्त, पंचांग एवं पूजा का सही समय जानते हैं-

शुभ मुहूर्त

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर को रात 09 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी और 1 नवंबर को 09 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अत: 1 नवंबर को करवा चौथ मनाया जाएगा। चंद्रोदय का समय संध्याकाल में 08 बजकर 26 मिनट पर है।

शिव योग

ज्योतिषियों की मानें तो करवा चौथ पर अत्यंत लाभकारी शिव योग का निर्माण हो रहा है। इस शुभ योग का निर्माण दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से शुरू हो रहा है, जो अगले दिन 2 नवंबर तक है। इस योग में करवा माता की पूजा-अर्चना करने से व्रती को कभी न नाश होने वाले फल की प्राप्ति होगी। इस समय में शुभ कार्य कर सकते हैं।

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सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 33 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 36 मिनट पर

चन्द्रोदय- शाम 08 बजकर 15 मिनट पर

चन्द्रास्त- ,सुबह 10 बजकर 05 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - 04 बजकर 49 मिनट से 05 बजकर 41 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 36 मिनट से 06 बजकर 02 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

अशुभ समय

राहुकाल - दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से 01 बजकर 27 मिनट तक

गुलिक काल - सुबह 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 04 मिनट तक

दिशा शूल - उत्तर

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।