Karwa Chauth 2024: करवा चौथ पर करें इस स्तोत्र का पाठ, रिश्ते में आएगी मधुरता
करवा चौथ का व्रत बेहद मंगलकारी माना जाता है। इस पावन अवसर महिलाएं अपने पतियों की सुरक्षा के लिए व्रत रखती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल यह व्रत 20 अक्टूबर को रखा जाएगा। ऐसा माना जाता है कि इसका (Karwa Chauth 2024 Date) पालन करने से सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही परिवार में शुभता आती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। करवा चौथ का व्रत बहुत मंगलकारी माना गया है। इस बार यह 20 अक्टूबर, 2024 दिन रविवार को रखा जाएगा। इस व्रत को विवाहित महिलाएं अपने पतियों के लिए रखती हैं। यह व्रत पूरे दिन बिना पानी और खाने के रहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत (Karwa Chauth 2024) सुबह सूर्योदय से पहले सरगी के सेवन के साथ शुरू होता है और रात में चंद्रमा को देखने के साथ समाप्त होता है।
वहीं, इस दिन शिव परिवार की पूजा के साथ ''श्री उमा महेश्वर स्तोत्र'' का पाठ परम कल्याणकारी माना गया है। कहते हैं कि इसके पाठ से रिश्ते में मधुरता आती है और वैवाहिक जीवन सुखी रहता है, तो आइए यहां पढ़ते हैं।
।।श्री उमा महेश्वर स्तोत्र।।
॥श्रीगणेशाय नमः॥नमः शिवाभ्यां नवयौवनाभ्यां
परस्पराश्लिष्टवपुर्धराभ्याम् ।नगेन्द्रकन्यावृषकेतनाभ्यांनमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥नमः शिवाभ्यां सरसोत्सवाभ्यांनमस्कृताभीष्टवरप्रदाभ्याम् ।नारायणेनार्चितपादुकाभ्यांनमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥नमः शिवाभ्यां वृषवाहनाभ्यां
विरिञ्चिविष्ण्विन्द्रसुपूजिताभ्याम् ।विभूतिपाटीरविलेपनाभ्यांनमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥ ॥नमः शिवाभ्यां जगदीश्वराभ्यांजगत्पतिभ्यां जयविग्रहाभ्याम् ।जम्भारिमुख्यैरभिवन्दिताभ्यांनमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥नमः शिवाभ्यां परमौषधाभ्यांपञ्चाक्षरीपञ्जररञ्जिताभ्याम् ।प्रपञ्चसृष्टिस्थितिसंहृताभ्यांनमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥
नमः शिवाभ्यामतिसुन्दराभ्यांअत्यन्तमासक्तहृदम्बुजाभ्याम् ।अशेषलोकैकहितङ्कराभ्यांनमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥नमः शिवाभ्यां कलिनाशनाभ्यांकङ्कालकल्याणवपुर्धराभ्याम् ।कैलासशैलस्थितदेवताभ्यांनमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥नमः शिवाभ्यामशुभापहाभ्यांअशेषलोकैकविशेषिताभ्याम् ।अकुण्ठिताभ्यां स्मृतिसम्भृताभ्यांनमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥
नमः शिवाभ्यां रथवाहनाभ्यांरवीन्दुवैश्वानरलोचनाभ्याम् ।राकाशशाङ्काभमुखाम्बुजाभ्यांनमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥नमः शिवाभ्यां जटिलन्धराभ्यांजरामृतिभ्यां च विवर्जिताभ्याम् ।जनार्दनाब्जोद्भवपूजिताभ्यांनमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥नमः शिवाभ्यां विषमेक्षणाभ्यांबिल्वच्छदामल्लिकदामभृद्भ्याम् ।शोभावतीशान्तवतीश्वराभ्यां
नमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥नमः शिवाभ्यां पशुपालकाभ्यांजगत्रयीरक्षणबद्धहृद्भ्याम् ।समस्तदेवासुरपूजिताभ्यांनमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥॥स्तोत्रं त्रिसन्ध्यं शिवपार्वतीभ्यांभक्त्या पठेद्द्वादशकं नरो यः ।स सर्वसौभाग्यफलानिभुङ्क्ते शतायुरान्ते शिवलोकमेति ॥॥॥ इति श्री शङ्कराचार्य कृत उमामहेश्वर स्तोत्रम ॥।।आद्य गुरु शंकराचार्य रचित उमा महेश्वर स्तोत्र।।