Karwa Chauth 2023: करवा चौथ पर 'सर्वार्थ सिद्धि योग' समेत बन रहे हैं ये फलदायी 5 संयोग, पूरी होगी मनचाही मुराद
सनातन धर्म में करवा चौथ पर्व का विशेष महत्व होता है। यह व्रत करवा माता को समर्पित होता है। इस दिन विवाहित महिलाएं सुख-सौभाग्य में वृद्धि और पति की लंबी आयु हेतु निर्जला उपवास रखती हैं। वर्तमान समय में कुंवारी लड़कियां भी करवा चौथ का व्रत रखती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो करवा चौथ पर एक साथ कई शुभ योग बन रहे हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 31 Oct 2023 12:56 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली | Karwa Chauth 2023: कल करवा चौथ है। यह व्रत हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। सनातन धर्म में करवा चौथ पर्व का विशेष महत्व है। यह व्रत करवा माता को समर्पित होता है। इस दिन विवाहित महिलाएं सुख-सौभाग्य में वृद्धि और पति की लंबी आयु हेतु निर्जला उपवास रखती हैं। वर्तमान समय में कुंवारी लड़कियां भी करवा चौथ का व्रत रखती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो करवा चौथ पर एक साथ कई शुभ योग बन रहे हैं। इनमें दुर्लभ शिव योग प्रमुख है। इस दिन शिव जी का वास भी कैलाश में रहेगा। अतः व्रती किसी समय भगवान शिव का अभिषेक कर सकती हैं। आइए, शुभ मुहूर्त, पंचांग एवं पूजा का सही समय जानते हैं-
शुभ मुहूर्त
करवा चौथ हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। आज चतुर्थी तिथि रात 09 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी और 1 नवंबर को 09 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। अतः कल करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा। साथ ही संकष्टी चतुर्थी भी मनाई जाएगी।
सर्वार्थ सिद्धि योग
करवा चौथ पर दुर्लभ शिव योग के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 06 बजकर 33 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 2 नवंबर को सुबह 04 बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगी। इस योग में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से साधक को सभी शुभ कार्यों में सिद्धि प्राप्त होगी।शिव योग
करवा चौथ पर अत्यंत लाभकारी शिव योग का निर्माण हो रहा है। इस शुभ योग का निर्माण दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से शुरू हो रहा है, जो अगले दिन 2 नवंबर तक है। इस योग में करवा माता की पूजा-अर्चना करने से व्रती को कभी न नाश होने वाले फल की प्राप्ति होगी। इस समय में शुभ कार्य कर सकते हैं।
अभिषेक मुहूर्त
करवा चौथ तिथि पर भगवान शिव कैलाश पर विराजमान रहेंगे। ज्योतिषियों की मानें तो भगवान शिव के कैलाश पर विराजमान रहने के दौरान अभिषेक करने से जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। इस दिन रात 09 बजकर 19 मिनट तक भगवान शिव कैलाश में रहेंगे।यह भी पढ़ें- कब है देवउठनी एकादशी? जानें- शुभ मुहूर्त, पूजा विधि एवं महत्व
सूर्योदय और सूर्यास्त का समयसूर्योदय - सुबह 06 बजकर 33 मिनट परसूर्यास्त - शाम 05 बजकर 36 मिनट परचन्द्रोदय- शाम 08 बजकर 15 मिनट परचन्द्रास्त- ,सुबह 10 बजकर 05 मिनट पर