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Karwa Chauth 2024: करवा चौथ की मेहंदी में जरूर मिलाएं ये चीजें, वैवाहिक जीवन की दूर होंगी सभी मुश्किलें

करवा चौथ का त्योहार बहुत ही विशेष माना जाता है। इस पावन दिन पर सुहागिन महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए कठोर व्रत का पालन करती हैं। पंचांग के अनुसार इस बार यह उपवास 20 अक्टूबर को रखा जाएगा। ऐसा माना जाता है कि इसका (Karwa Chauth 2024) पालन करने से सुख-शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही परिवार में खुशहाली आती है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 17 Oct 2024 09:39 AM (IST)
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Karwa Chauth 2024: करवा चौथ की मेहंदी में मिलाएं ये चीजें।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। करवा चौथ का दिन बेहद शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद विधिवत करवा माता की पूजा करती हैं और रात्रि में चंद्रमा को अर्ध्य देने के बाद व्रत का पारण करती हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, यह व्रत हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है, तो आइए इस शुभ दिन से जुड़े कुछ ऐसे उपाय के बारे में जानते हैं, जिन्हें करने से आपके वैवाहिक जीवन की सभी मुश्किलें दूर हो जाएंगी, तो चलिए जानते हैं।

करवा चौथ की मेहंदी में मिलाएं ये चीजें (Karwa Chauth Mehendi Tips)

करवा चौथ की मेहंदी में रोली और चावल मिलाएं, गुलाब की पंखुड़ियां, हल्दी व जरा सा इत्र आदि मिला सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि मेहंदी में रोली और चावल मिलाने से जीवन में समृद्धि और सौभाग्य आता है। साथ ही पति-पत्नी के रिश्ते में प्रेम बढ़ता है। वहीं, मेहंदी में गुलाब की पंखुड़ियां मिलाने से वैवाहिक जीवन सुखी रहता है और रिश्ते में चल रही खट-पट दूर होती है। इसके साथ मेहंदी में इत्र मिलाने से रिश्ते में रोमांस और मधुरता आती है,

जबकि हल्दी मिलाने से पति-पत्नी का रिश्ता और भी मजबूत होता है। साथ ही विवाह से जुड़ी सभी मुश्किलें दूर होती हैं, क्योंकि हल्दी को गुरु देव ब्रहस्पति का प्रतीक माना जाता है।

करवा चौथ पर इन बातों का रखें ध्यान (Karwa Chauth Rules)

करवा चौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें। पति-पत्नी क्लेश न करें। तामसिक चीजों का सेवन करें। कठोर व्रत का पालन करें। गर्भवती महिलाएं व्रत रखने से बचें। इस दिन धारदार चीजों के इस्तेमाल से बचें। व्रत का पारण प्रसाद व सात्विक भोजन से करें। इस दिन काले व सफेद वस्त्र पहनने से बचें।

इसके साथ ही इस शुभ अवसर पर कथा, आरती ,चंद्र दर्शन और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोलें। इसके अलावा विवाहित महिलाएं 16 शृंगार जरूर करें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।