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Karwa Chauth 2024: करवा चौथ की पूजा थाली में जरूर करें ये चीजें शामिल, वरना पूजा रह जाएगी अधूरी

करवा चौथ का त्योहार हिंदु महिलाओं के लिए बहुत महत्व रखता है। इस पावन दिन पर सुहागिन महिलाएं व्रत करती हैं और अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं। यह व्रत रात को चंद्रमा को अर्ध्य देने के बाद समाप्त होता है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल यह व्रत 20 अक्टूबर को रखा जाएगा।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 29 Sep 2024 03:26 PM (IST)
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Karwa Chauth 2024: करवा चौथ पूजन सामग्री।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में करवा चौथ का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे आमतौर पर सुहागिन महिलाएं मनाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महिलाएं इस दिन कठिन व्रत का पालन करती हैं और विधिवत पूजा-अर्चना करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से पति को लंबी उम्र और सुरक्षा प्राप्त होती है। साथ ही घर में समृद्धि आती है।

इस साल यह पर्व (Karwa Chauth 2024) 20 अक्टूबर को रखा जाएगा, तो आइए व्रत से पूर्व पूजन सामग्री जान लेते हैं।

करवा चौथ पूजन सामग्री (Pujan Samagri List)

करवा चौथ की पूजा थाली में चंदन, शहद, धूप, माचिस, पुष्प (लाल और पीले), कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, शुद्ध जल, कुंकू, अक्षत (चावल), सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर, हल्दी, पानी का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी की चौकी, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलवा, दक्षिणा (दान) के लिए पैसे,

आदि चीजें शामिल करें। ऐसा कहा जाता है कि इन सभी चीजों का पूजा थाली में होना बहुत जरूरी होता है। इसलिए व्रत से पूर्व ही इन्हें घर पर लाकर रख लें।

करवा चौथ चंद्रोदय समय (Moon Rise Time)

हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ की पूजा शाम को 05 बजकर 46 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 02 मिनट तक के बीच होगी। वहीं, इस दिन चांद निकलने (Chand Nikalne Ka Samay)का समय शाम 07 बजकर 54 मिनट का है। इस दौरान आप चंद्रमा को अर्घ्य दे सकते हैं।

इसके साथ ही पूजा के बाद अपने व्रत का पारण कर सकते हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि इस दिन चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में होगा, जिसके चलते यह दिन बेहद पावन माना जा रहा है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।