Karwa Chauth 2024: करवा चौथ के दिन इन स्थानों पर जलाएं दीपक, सुख-समृद्धि से भर जाएगा घर
करवा चौथ का पर्व कार्तिक माह में मनाया जाता है। वहीं इस माह में दीया जलाना भी काफी शुभ माना गया है। ऐसे में आप करवा चौथ के दिन भी घर के कुछ खास स्थानों पर दीया जलाकर लाभ के भागी बन सकते हैं। चलिए जानते हैं कि करवाचौथ के अवसर पर आप किन-किन स्थानों पर दीप प्रज्वलित कर सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का व्रत किया जाता है। ऐसे में इस साल यह व्रत (Karwa Chauth 2024) रविवार, 20 अक्टूबर को किया जाएगा। इस दिन पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत करती हैं और इस व्रत का पारण चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है। इस दिन पर करवा माता और गणेश जी की पूजा का विधान है। ऐसे में आप इस खास दिन पर घर के कुछ स्थानों पर दीपक जलाकर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
इस स्थानों पर जलाएं दीपक
करवा चौथ के दिन स्थानों पर दीपक जलाना काफी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से पति-पत्नी के संबंध पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, साथ ही सुख-समृद्धि की भी प्राप्ति होती है।
- करवा चौथ पर घर के मंदिर में घी का दीपक जलाएं।
- रसोई में भी जरूर दीपक जलाना शुभ माना गया है।
- बेडरूम में भी आटे का दीया जलाना चाहिए।
- घर की पूर्व दिशा में, करवे के ऊपर रखकर दीपक जलाएं।
- चंद्रमा देखने के लिए जिस छन्नी का प्रयोग किया जाता है उस छन्नी पर भी दीया जलाना चाहिए।
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इस तरह जलाएं आटे का दीपक
करवा चौथ के दिन आटे का दीपक जलाना काफी शुभ माना गया है। इसके लिए आप आटे में थोड़ी हल्दी मिलाकर उसे गूंथें और इससे दीपक बनाएं। इसके बाद रात्रि में चंद्रमा की पूजा के दौरान इस आटे को घी डालकर प्रज्वलित करें। अब आटे के दीपक को छन्नी में रखकर चांद और पति को छन्नी से देखें। ऐसा करने से व्रती को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह करवाचौथ के मुख्य विधानों में से एक है, जिसके बिना व्रत अधूरा माना जाता है।यह भी पढ़ें - Karva Chauth 2024: क्या पति भी रख सकते हैं करवा चौथ का व्रत, जानिए यह सही है या गलत?अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है