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Karwa Chauth 2024: करवा चौथ पर पत्नी ही नहीं पति भी करें इन नियमों का पालन, व्रत से पहले जान लें ये बातें

करवा चौथ का पर्व बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए कठिन व्रत का पालन करती हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार यह व्रत 19 अक्टूबर को रखा जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत (Karwa Chauth 2024) को रखने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में खुशहाली आती है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 22 Sep 2024 01:20 PM (IST)
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Karwa Chauth 2024: पति इन बातों का रखें ध्यान बातें।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। करवा चौथ का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। इस त्योहार के दौरान विवाहित महिलाएं अपने पतियों की सुरक्षा और समृद्धि के लिए कठिन निर्जला व्रत रखती हैं। वे सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक व्रत का पालन करती हैं। इस मौके पर शिव परिवार और चंद्रमा की पूजा का विधान है। वहीं, चंद्रमा को देखने के बाद इस व्रत का समापन होता है। इस शुभ अवसर (Karwa Chauth 2024) पर महिलाओं को तो आपने कई तरह के नियमों का पालन करते देखा होगा, लेकिन इस दिन पुरुषों को भी कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए, तभी व्रत पूर्ण होता है, तो आइए इसके बारे में जानते हैं।

करवा चौथ कब है (Karwa Chauth Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 19 अक्टूबर, 2024 को शाम 06 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इसका समापन 20 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट पर होगा। पंचांग के आधार पर इस साल करवा चौथ का व्रत रविवार, 19 अक्टूबर को रखा जाएगा।

पति इन बातों का रखें ध्यान बातें (Do And Donts For Men During Karwa Chauth)

  • घर पर रहें और इस शुभ त्योहार का हिस्सा बनें।
  • खाना बनाने में अपनी पत्नी की मदद करें।
  • इस दिन पति भी व्रत कर सकते हैं।
  • अगर ऑफिस जाना जरूरी है, तो दोपहर को जल्दी आएं ताकि आप अपनी पत्नी की मदद कर सकें।
  • आप घर की साफ-सफाई में मदद कर सकते हैं।
  • इस दिन शराब पीने से बचें।
  • कठोर शब्द बोलकर पार्टनर का मूड खराब न करें।
  • साथी के प्रयासों का सम्मान करें और उसे अच्छा महसूस कराएं।
  • तामसिक भोजन न करें।
  • भूलकर भी पत्नी का अपमान न करें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।