Karwa Chauth 2024: करवा चौथ पर इस सरल विधि से करें पूजा, नोट करें चंद्रोदय का समय और अर्घ्य मंत्र
करवा चौथ का त्योहार बेहद मंगलकारी माना जाता है। यह हिंदू महिलाओं के लिए बहुत महत्व रखता है। इस दिन (Karwa Chauth 2024) विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं और अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं। पंचांग के अनुसार इस साल यह व्रत 20 अक्टूबर यानी आज रखा जा रहा है तो आइए इसकी सरल पूजन विधि जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। करवा चौथ एक शुभ हिंदू त्योहार है, जब विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। इस पावन दिन पर महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए कठोर उपवास का पालन सूर्योदय से चंद्रोदय तक करती हैं। ऐसा माना जाता है कि जो महिलाएं इस व्रत (Karwa Chauth 2024) को रखती हैं, उन्हें अखंड सौभाग्य प्राप्ति का वरदान मिलता है। साथ ही जीवन में खुशहाली आती है। वहीं, अगर आप चाहते हैं कि आपके व्रत में किसी प्रकार का विघ्न न पड़े, तो यहां दी गई पूजा विधि अवश्य पढ़ें।
करवा चौथ की पूजन सामग्री (Pujan Samagri List)
चंदन, शहद, धूप, माचिस, पुष्प (लाल और पीले), कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, शुद्ध जल, कुंकू, अक्षत (चावल), सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर, हल्दी, पानी का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी की चौकी, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलवा, दक्षिणा (दान) के लिए पैसे, आदि।यह भी पढ़ें: Karwa Chauth 2024: पहली बार रख रही हैं करवा चौथ का व्रत तो इन बातों का रखें ध्यान, भूलकर भी न करें गलतियां
करवा चौथ की पूजन विधि (Karwa Chauth 2024 Puja Vidhi)
करवा चौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। फिर सरगी ग्रहण करें। इसके बाद निर्जला व्रत का संकल्प लें। फिर भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर दिन की शुरुआत करें। मंदिर में शिव परिवार की विधिवत पूजा करें। उन्हें पुष्प, फल, मिठाई और मेवे आदि अर्पित करें। करवा चौथ की व्रत कथा का पाठ करें या सुनें। शाम के समय फिर से पूजा की तैयारी शुरू कर दें। एक पूजा थाली लें और उसमें फूल, फल, मिठाई, धूप-दीप, रोली आदि रखें।इसके पश्चात करवा लें और उसमें चावल भरकर उसे दक्षिणा के रूप में रख दें। चांद निकलने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें। फिर छन्नी में जलता हुआ दीपक रखें और चंद्र दर्शन करें। इसके बाद उसी छन्नी से अपने पति का मुख देखें। फिर पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत खोलें।पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमायाचना करें। घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें। फिर पूजन में उपयोग की गई शृंगार की सामग्री और करवा को सास या किसी सुहागिन स्त्री को दे दें और उनका भी आशीर्वाद लें। अंत में सात्विक भोजन ग्रहण करें।