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Karwa Chauth 2024 Vrat Katha: करवा चौथ व्रत में जरूर करें इस कथा का पाठ, रिश्ते में आएगी मधुरता

पंचांग के अनुसार हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर पूजा-अर्चना करती हैं और निर्जला व्रत रखती हैं। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से पति और पत्नी के रिश्ते में मधुरता आती है। पूजा के दौरान व्रत कथा (Karwa Chauth Ki Katha) का पाठ जरूर करना चाहिए।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sun, 20 Oct 2024 05:54 PM (IST)
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Karwa Chauth 2024: यहां पढ़ें करवा चौथ की कथा
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं और अविवाहित लड़कियों के लिए बेहद खास महत्व रखता है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने से विवाहित महिलाओं अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है और अविवाहित लड़कियों के जल्द विवाह के योग बनाते हैं। साथ ही पति-पत्नी के रिश्ते में मधुरता आती है। इस बार कार्तिक माह में करवा चौथ (Karwa Mata Ki Katha) का पर्व आज यानी 20 अक्टूबर (Karwa Chauth 2024 Date) को मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पूजा के दौरान व्रत कथा (Karwa Chauth ki Katha) का पाठ न करने से साधक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है। इसी वजह से व्रत कथा का पाठ करना न भूलें। आइए इस लेख में पढ़ते हैं व्रत कथा।

करवा चौथ व्रत की कथा

पौराणिक कथा (Karwa Chauth Vrat Katha) के अनुसार, एक द्विज नामक ब्राह्मण था। उसके सात बेटे व वीरावती नाम की एक कन्या थी। एक बार वीरावती ने मायके में करवा चौथ का व्रत किया। उन्होंने व्रत के दौरान अन्न और जल का सेवन नहीं किया, जिसकी वजह से वीरावती बेहद परेशान हो गई थी। ऐसे में उसके भाइयों ने गांव के बाहर वट के वृक्ष पर एक लालटेन जला दी और अपनी बहन से कहा कि चन्द्रमा निकल आया है और उनसे अ‌र्घ्य देने के लिए कहा।

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वीरावती का ससुराल से आया बुलावा

अ‌र्घ्य देने के बाद वीरावती भोजन (Karwa Chauth ki Kahani) करने के लिए बैठी तो पहले कौर में बाल निकला, दूसरे कौर में छींक आई और तीसरे कौर में ससुराल से बुलावा और जब वीरावती ससुराल पहुंची, तो उसके पति की मृत्यु हो चुकी थी, जिसकी वजह से वीरावती बिलख बिलखकर रोने लगी।

वीरावती ने विधिपूर्वक किया करवा चौथ का व्रत

उसी समय इंद्राणी ने वीरावती से कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चर्तुथी तिथि का व्रत करने के लिए कहा। इसके बाद वीरावती ने विधिपूर्वक व्रत किया। व्रत के पुण्य-प्रताप से वीरावती के पति को पुन: जीवन मिल गया। तभी से पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत करती है, जिससे पति को दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है। इस परंपरा को आज भी निभाया जा रहा है।

करवा चौथ 2024 शुभ मुहूर्त (Karwa Chauth 2024 Shubh Muhurat)

करवा चौथ व्रत समय - सुबह 06 बजकर 34 मिनट से शाम 07 बजकर 22 मिनट पर

करवा चौथ पूजा मुहूर्त - शाम 05 बजकर 47 मिनट से 07 बजकर 04 मिनट तक

करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय का समय - शाम 07 बजकर 22 मिनट पर

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।