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Karwa Chauth 2024: सास न हो तो किससे लेनी चाहिए सरगी? जानें करवा चौथ व्रत रखने का महत्व

करवा चौथ का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए कठिन उपवास का पालन करती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल यह व्रत 20 अक्टूबर को रखा जाएगा। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत (Karwa Chauth 2024) को रखने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में खुशहाली आती है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 27 Sep 2024 11:05 AM (IST)
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Karwa Chauth 2024: सास न हो तो किससे लेनी चाहिए सरगी?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में करवा चौथ का व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं उत्साह और भाव के साथ कठिन व्रत का पालन करती हैं। साथ ही अपने पति की सुरक्षा और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ कार्तिक माह में पूर्णिमा के बाद चौथे दिन मनाया जाता है। इस साल करवा चौथ का व्रत रविवार, 20 अक्टूबर को रखा जाएगा। ऐसी मान्यता है कि जो महिलाएं इस कठिन व्रत (Karwa Chauth Vrat 2024) का पालन करती हैं, उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

सास न हो तो किससे लेनी चाहिए सरगी?

जो महिलाएं करवा चौथ का पालन करना चाहती हैं, या कर रही हैं, तो उनके मन में एक सवाल अक्सर आता है कि यदि उनकी सास न हो, तो किससे सरगी (Karwa Chauth Ki Sargi) की थाली लेनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिन महिलाओं के सास नहीं है, उन्हें अपने घर की किसी भी बुज़ुर्ग महिला या फिर जेठानी व बहन से सरगी लेनी चाहिए। वहीं, किसी वजह से उनकी सास दूर हैं, तो वे सरगी के लिए आपको पैसे भेज सकती हैं, जिससे आप सरगी का सामान स्वंय ही खरीद लें।

करवा चौथ का धार्मिक महत्व (Karwa Chauth Sargi Importance)

करवा चौथ हिंदू महिलाओं के जीवन में एक महत्वपूर्ण दिन (Karwa Chauth 2024 Significance) है। इस दिन विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। इसके अलावा करवा चौथ पर देवी पार्वती को सुहाग की सामग्री अवश्य अर्पित करनी चाहिए। इससे सदा सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही इस व्रत के प्रभाव से वैवाहिक जीवन में मधुरता भी आती है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।