Ketu Grah: हर राशि में इतने दिनों तक होती है केतु की महादशा, जानिए लक्षण और दुष्प्रभावों से बचने का उपाय
Ketu Grah ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस जातक की कुंडली में केतु दोष लगता है। उनके अंदर कई तरह की बुरी आदतें उत्पन्न होती हैं। इसके साथ ही कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। जानिए केतु महादशा के बारे में सबकुछ।
नई दिल्ली, Ketu Grah Mahadasha: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर जातक के जीवन में नौ ग्रहों का असर शुभ या फिर अशुभ पड़ता है। इन नवग्रह की अंतर्दशा और महादशा चलती है। जिस प्रकार शनि, राहु की महादशा होती है। उसी प्रकार केतु ग्रह की भी महादशा होती है। केतु को छाया ग्रह माना जाता है लेकिन इस ग्रह की स्थिति का असर 12 राशियों के जीवन पर कभी न कभी जरूर पड़ता है। इस ग्रह को पापी ग्रह माना जाता है। लेकिन कई बार सही स्थिति पर होने पर यह शुभ फल भी देता है। जानिए केतु की महादशा, लक्षण और उपाय।
केतु की महादशा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, केतु की महादशा 7 साल की होती है। इस दौरान शुभ या अशुभ परिणाम प्राप्त होता है। अंतरदशा 11 महीने से सवा साल तक की होती है। केतु की महादशा बुध और शुक्र के बीच आती है। केतु की महादशा बुध और शुक्र के बीच आती है। इसका मतलब है कि पहले बुध की महादशा आती है फिर केतु की महादशा सात साल की होती है और बाद में शुक्र की महादशा 20 साल की होती है।
केतु के प्रकोप के लक्षण
अगर किसी जातक की कुंडली में केतु की स्थिति खराब है, तो इसके संकेत दैनिक जीवन में किसी न किसी तरह मिलने लगते हैं। जिन्हें आप पहचानकर समय रहते उपाय कर सकते हैं। जानिए कुंडली में केतु ग्रह की स्थिति खराब होने के लक्षण।
- केतु ग्रह की स्थिति खराब होने पर स्किन संबंधी रोग होना
- जोड़ों में दर्द की समस्या
- सुनने की क्षमता पर बुरा असर पड़ना
- संतान प्राप्ति में किसी न किसी तरह की रुकावट आना
- अधिकतर खांसी की समस्या रहना
- संतान को किसी न किसी समस्या का सामना करना
- तेजी से बाल झड़ना
- शरीर की नसों में कमजोरी आ जाती है
केतु के दुष्प्रभावों को कम करने के उपाय
- अगर कुंडली में केतु की स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं, तो रोजाना 108 बार इस मंत्र का जाप करें - ऊँ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:
- केतु ग्रह को शांत करने के लिए शनिवार को पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं। इसमें थोड़ी सी दूर्वा भी डाल लें। इसके साथ ही शाम को घी का दीपक जलाएं।
- केतु के प्रकोप से बचने के लिए रविवार के दिन कन्याओं को हलवा और मीठा दही खिलाएं। इससे लाभ मिलेगा।
- केतु ग्रह की स्थिति को ठीक करने के लिए लहसुनिया रत्न धारण करना शुभ होगा।
- केतु ग्रह के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए पके चावल में थोड़ा सा दही, काले तिल डालकर अच्छे से मिला लें। इसके बाद इसे एक दोने में भरकर पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। इसके साथ ही केतु से प्रार्थना करें।
- केतु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए कुत्ते को तेल लगाकर रोटी खिलाएं।
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