Kharmas 2023: खरमास के दौरान न करें कोई भी शुभ कार्य, जानें इसका महत्व और पूजा विधि
Kharmas 2023 सनातन धर्म में खरमास का विशेष महत्व है। सूर्य के धनु राशि में रहने से खरमास एक माह तक चलता है। जब सूर्य वृश्चिक से धनु राशि में अपनी स्थिति बदलता है तो इस दिन को धनु संक्रांति के रूप में भी मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य करना अशुभ माना जाता है।
By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Sun, 17 Dec 2023 10:30 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kharmas 2023: खरमास की शुरुआत हो चुकी है, जिसे मलमास (Malmas) के नाम से भी जाना जाता है। इस माह सभी शुभ कार्य बंद हो जाते है। खरमास वह समय है, जब भगवान सूर्य अपनी स्थिति बदलते हैं और वृश्चिक से धनु राशि में प्रवेश करते हैं। इस साल खरमास 16 दिसंबर 2023 से 15 जनवरी 2024 तक रहेगा।
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खरमास का महत्व
सनातन धर्म में खरमास का विशेष महत्व है। सूर्य के धनु राशि में रहने से खरमास एक माह तक चलता है। जब सूर्य वृश्चिक से धनु राशि में अपनी स्थिति बदलता है, तो इस दिन को धनु संक्रांति के रूप में भी मनाया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य करना अशुभ माना जाता है, इसलिए लोगों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी शुभ कार्य जैसे विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश और नए व्यापार शुरू करने आदि में शामिल न हों। हालांकि इस दौरान धार्मिक कार्य किए जाते हैं, जिससे भगवान सूर्य की कृपा बनी रहती है।
सूर्य पूजा मंत्र
- ''ॐ सूर्याय नम:
- ॐ घृणि सूर्याय नम:
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
- ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ''
खरमास के दौरान की पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करना करें।
- भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं।
- भगवान शिव के सामने दीया जलाएं और उनकी विधि अनुसार पूजा करें।
- आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
- रामायण, भगवद गीता और सुंदरकान जैसे पवित्र ग्रंथों का पाठ करें।
- जरूरतमंद लोगों को भोजन और वस्त्र का दान अवश्य करें।
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