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Kharmas 2024 Date: खरमास में क्या करें और क्या न करें? यहां जानें

सूर्य मीन राशि में 14 मार्च को प्रवेश कर रहे हैं। इस दिन से खरमास की शुरुआत होगी और अगले महीने यानी 13 अप्रैल को खरमास समाप्त होगा। इस अवधि के दौरान शुभ कार्य करने की मनाही होती है। मान्यता है कि इस दौरान किए गए मांगलिक कार्यों के परिणाम शुभ नहीं होते हैं। खरमास में सूर्य देव की पूजा और गाय की सेवा करनी चाहिए।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 13 Mar 2024 03:48 PM (IST)
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Kharmas 2024 Date: खरमास में क्या करें और क्या न करें? यहां जानें
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kharmas 2024: जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं। तब से खरमास की शुरुआत होती है। इस वर्ष 14 मार्च से खरमास शुरू हो जाएंगे और अगले महीने यानी 13 अप्रैल को खरमास समाप्त होगा। खरमास की अवधि के दौरान शुभ कार्य करने की मनाही होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि खरमास में क्या करें और क्या न करें।

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खरमास में क्या करें?

खरमास के दौरान विधिपूर्वक सूर्य देव की पूजा और गाय की सेवा करनी चाहिए। इसके अलावा श्रद्धा अनुसार गरीबों को विशेष चीजों का दान करना चाहिए। सूर्य देव की पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है और दीर्घ आयु होती है।

खरमास में क्या न करें?

खरमास में मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। इस दौरान जनेऊ, गृह प्रवेश, शादी और मुंडन आदि कार्य नहीं करने चाहिए। इसके अलावा नया वाहन और घर नहीं खरीदना चाहिए। मान्यता है कि इस दौरान किए मांगलिक कार्य के शुभ परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं।

इस दिन से लगेगा खरमास

इस बार सूर्य देव 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 36 मिनट पर कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इसी के साथ खरमास की शुरुआत होगी। इसके पश्चात 13 अप्रैल को सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य देव के मेष राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास अवधि की समाप्त होगी।

माना जाता है कि खरमास के दौरान सूर्य देव की पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करना अधिक फलदायी होता है।

इन मंत्रों का करें जाप

1. ॐ सूर्याय नम:

2. ॐ घृणि सूर्याय नम:

3. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा

4. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:

5. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'