Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Kharmas 2024: खरमास माह के नियमों को जानना है बेहद जरूरी, वरना बढ़ सकती हैं जीवन की परेशानियां

खरमास का महीना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह 14 मार्च से शुरू हो चुका है। वहीं इसका समापन 13 अप्रैल 2024 को होगा। खरमास का महीना भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान मांगलिक कार्यों को करने से बचना चाहिए और पूजा -पाठ पर जोर देना चाहिए। तो आइए इस माह से जुड़े कुछ नियमों के बारे में जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 15 Mar 2024 09:21 AM (IST)
Hero Image
Kharmas 2024: खरमास के दौरान जरूर करें ये कार्य

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kharmas 2024: खरमास 14 मार्च 2024 से शुरू हो चुका है। यह इस साल का पहला खरमास है। माना जाता है कि खरमास की अवधि किसी भी शुभ कार्य जैसे शादी, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश और नया व्यवसाय शुरू करने के लिए शुभ नहीं मानी जाती है। इस दौरान लोगों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे इस माह इन चीजों की योजना भी न बनाएं। इस पूरे माह भगवान सूर्य की होती होती है। बता दें, खरमास का समापन 13 अप्रैल, 2024 को होगा।

खरमास माह के नियम

जब सूर्य धनु और मीन राशि में आता है तब खरमास की शुरुआत होती है। इस अवधि के चलते मांगलिक कार्य के लिए पूरे 1 महीने तक इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि इस दौरान कई ऐसे कार्य हैं, जो किए जा सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास का महीना भगवान विष्णु को समर्पित है। इसलिए कहा जाता है कि इस महीने रोजाना विष्णुसहस्त्रनाम और गीता का पाठ करना चाहिए।

इसके साथ ही इस माह एक एक समय खाना चाहिए। बिस्तर का त्याग करना चाहिए। किसी के लिए बुरा सोचने से बचना चाहिए। ब्राह्मण व गरीबों को दान देना चाहिए।

यह भी पढ़ें: Aaj Ka Panchang 15 March 2024: जानिए शुक्रवार का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय, पढ़ें दैनिक पंचांग

खरमास के दौरान जरूर करें ये कार्य

  • गंगा नदी में पवित्र स्नान करें।
  • रोजाना भगवान सूर्य को अर्घ्य दें।
  • प्रत्येक गुरुवार को देवों के गुरु बृहस्पति की पूजा करें।
  • पूरे माह पूजा-पाठ में जोर दें।
  • विष्णु सहस्रनाम और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
  • पूजा, हवन और यज्ञ आदि जरूर करें।
  • पूरे माह दान-पुण्य करते रहें।
  • पवित्रता का विशेष ध्यान रखें।
  • सात्विक भोजन ही करें।
  • शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करने के लिए दिन में एक बार भोजन करना भी आवश्यक है।

यह भी पढ़ें: Maa Lakshmi108 Naam: पूजा के बाद मां लक्ष्मी के इन नामों का करें जाप, घर में होगा सुख-समृद्धि का आगमन

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'