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Gurupurnima 2021: गुरूपूर्णिमा पर जानिए महर्षि वेद व्यास जी के जीवन के बारे में

Gurupurnima 2021 आषाढ़ मास की पूर्णिमा को सनातन धर्म में गुरू पूर्णिमा के रूप में मानाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से एक वेद व्यास जी का जन्म हुआ था।आइए जानते है महर्षि वेद व्यास जी के जीवन के बारें में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य...

By Jeetesh KumarEdited By: Updated: Sun, 18 Jul 2021 06:45 PM (IST)
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गुरूपूर्णिमा पर जानिए महर्षि वेद व्यास जी के जीवन के बारे में

Gurupurnima 2021: आषाढ़ मास की पूर्णिमा को सनातन धर्म में गुरू पूर्णिमा के रूप में मानाया जाता है। मान्यता है कि इस भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से एक वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। वेद व्यास को महाभारत का रचयिता और वेदों का संकलनकर्ता माना जाता है। माना जाता है कि वेद व्यास जी ने सबसे पहले चारों वेदों का संकलन कर आम जन को इसका ज्ञान प्रदान किया। इसलिए सनातन परंपरा में वेद व्यास जी को पहले गुरू के रूप में पूजा जाता है और उनकी जयंति को गुरू पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं। इस वर्ष गुरू पूर्णिमा 24 जुलाई दिन शनिवार को पड़ रही है। आइए जानते है महर्षि वेद व्यास जी के जीवन के बारें में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य...

1-वेदव्यास जी का जन्म ऋषि पराशर और मत्स्य कन्या सत्यवती के संयोग से आषाढ़ पूर्णिमा के दिन हुआ था।

2- पौराणिक कथा के अनुसार उनका जन्म एक निर्जन नदी द्वीप पर हुआ था तथा वो बचपन से काले थे। इसलिए इनका नाम कृष्ण द्वैपायन पड़ गया।

3- श्रीमद्भागवत पुराण में वेद व्यास जी को भगवान विष्णु के जिन 24 अवतारों में से एक माना गया है।

5. महर्षि वेद व्यास शास्त्रोक्त अष्ट चिरंजीवीयों में से एक हैं। जिनके नाम का प्रातः स्मरण करने मात्र से लंबी आयु की प्राप्ति होती है।

6- महर्षि वेदव्यास को वेदों का संकलनकर्ता माना जाता है। इन्होंने ही सर्वप्रथम वेदों को संकलित कर आम जन को इसका ज्ञान प्रदान किया।

7- वेद व्यास जी ने महाभारत जैसे महाकाव्य की रचना की है।

8- माता सत्यवती के कहने पर व्यास जी ने ही नियोग प्रथा से धृतराष्ट्र, पाण्डु और विदुर को जन्म दिया।

9- वेद व्यास जी ने ही संजय को दिव्य दृष्टि प्रदान की जिसके प्रभाव से ही संजय धृतराष्ट्र को महाभारत का आंखो देखा हाल सुना सके।

10- वेद व्यास जी ने ही कलयुग का प्रभाव देखते हुए पाण्डवों को स्वर्ग की यात्रा करने की सलाह दी थी।

11- वेद व्यास जी के पुत्र का नाम शुकदेव है, माना जाता है कि शुकदेव को जन्म से ही चारों वेदों का ज्ञान था।

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