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Navratri Kanya Puja 2024: इन चीजों के दान के बिना अधूरा माना जाता है कन्या पूजन, जानें इसका शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में कन्याओं को मां दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि उनके पास नौ देवियों की ऊर्जा और शक्ति होती है। यह अनुष्ठान मां की शक्ति को स्वीकार करने का एक तरीका है। इसके साथ ही इस पवित्र आयोजन (Kanya Puja 2024 Daan) का पालन करने से साधक को समृद्धि उर्वरता और सुरक्षा की प्राप्ति होती है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Wed, 09 Oct 2024 11:36 AM (IST)
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Navratri Kanya Puja 2024: कन्या पूजन के बाद करें ये दान।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। इस पर्व के महत्वपूर्ण अनुष्ठान में से एक कन्या पूजन है, जिसे कुमारी व कंजक पूजा के नाम से भी जाना जाता है। यह आमतौर पर नवमी और अष्टमी के मौके पर आयोजित किया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल कन्या पूजा (Navratri Kanya Puja 2024) 11 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा।

ऐसा कहा जाता है कि इसके बाद मां दुर्गा के नाम से कुछ विशेष चीजों का दान अवश्य करना चाहिए, तभी कन्या पूजन पूर्ण माना जाता है, तो आइए जानते हैं कि किन चीजों का दान करना शुभ है।

कन्या पूजन के बाद करें ये दान (Navratri Kanya Puja 2024 Daan)

शृंगार की सामग्री, लाल वस्त्र, अन्न, धन और चांदी के सिक्का आदि का दान करना बहुत ही उत्तम माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि कन्या पूजन के बाद कुछ दान अवश्य करना चाहिए। इससे घर में बरकत बनी रहती है। इसके साथ ही घर के अन्न और धन में वृद्धि होती है।

ऐसा माना जाता है कि दान के बाद ही कन्या पूजन का पूर्ण फल प्राप्त होता है। इसलिए इस शुभ मौके पर दान-पु्ण्य अवश्य करना चाहिए।

कब है अष्टमी-नवमी? (Kanya Puja Subh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल शारदीय नवरात्र (Navratri 2024) नवमी और अष्टमी तिथि दोनों एक ही दिन यानी 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इसके साथ ही इसी दिन सप्तमी-अष्टमी का व्रत भी रखा जाएगा। ऐसा कहा जा रहा है कि इस बार का नवरात्र व्रत बेहद शुभ है।

वहीं, यह व्रत बिना कंजक पूजन के अधूरा होता है। इसलिए अष्टमी-नवमी के दिन कन्या पूजन का आयोजन (Kanya Pujan Significance) अवश्य करें। इससे व्रत का संपूर्ण फल मिलेगा।

कन्या पूजा का मंत्र 

  • ॐ श्री दुं दुर्गायै नमः ।।
  • ॐ श्री कुमार्यै नमः ।।
  • या देवी सर्वभू‍तेषु 'कन्या ' रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।