कैसे हुई भगवान श्रीहरि विष्णु की उत्पत्ति, जानें-कौन हैं इनके माता-पिता
चिरकाल में भगवान श्रीहरि विष्णु जी ने तप किया। इस तप के पुण्य प्रताप से जल की उत्पत्ति हुई जिससे जीवन का सृजन हुआ।
By Umanath SinghEdited By: Updated: Fri, 15 May 2020 01:08 PM (IST)
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। प्रसार भारती ने दर्शकों की मांग पर लॉकडाउन में सबसे पहले धार्मिक धारावाहिक रामायण और महाभारत को शुरू किया था। इसके बाद उत्तर रामायण और कृष्णा को ऑन एयर किया गया। इसकी सफलता से अभिभूत होकर प्रसार भारती ने शुक्रवार यानी 15 मई से विष्णु पुराण चलाने की घोषणा की है। आइए जानते हैं कि भगवान श्रीहरि विष्णु की उत्पत्ति कैसे हुई है और कौन इनके माता-पिता हैं-
भगवान श्रीहरि विष्णु की उत्पत्ति शिव पुराण के अनुसार, चिरकाल में भगवान सदाशिव और मां आदिशक्ति (मां दुर्गा) काशी नगरी में भ्रमण कर रहे थे। उस समय भगवान सदाशिव ( जिन्हें परमब्रह्मा भी कहा जाता है) ने मां आदिशक्ति से कहा-हे देवी, मैं चाहता हूं कि भूमंडल में दूसरा व्यक्ति भी हो।
तब मां दुर्गे ने कहा-हे प्रभु, आपकी सोच में संशय कैसा है? आप सृष्टि के पालनहार है, आपने सृष्टि की भलाई के लिए ऐसा सोचा होगा। उस समय भगवान सदाशिव ने देवी दुर्गा के संवाद को सुनकर-अपने वाम अंग पर अमृत स्पर्श किया। इससे एक पुरुष की उत्पत्ति हुई, जिसके तेज से पूरा ब्रह्मांड प्रकाशमय हो रहा था।
उस समय भगवान सदाशिव ने कहा- वत्स तुम ब्रह्मांड में सर्वत्र व्याप्त हो, इसलिए तुम्हारा नाम विष्णु रखता हूं। उसके बाद भगवान विष्णु जी ने कहा-हे प्रभु, मेरे लिए क्या आज्ञा है! तब भगवान सदाशिव ने उन्हें तप करने की आज्ञा दी। इसके बाद चिरकाल में भगवान श्रीहरि विष्णु जी ने तप किया। इस तप के पुण्य प्रताप से जल की उत्पत्ति हुई, जिससे जीवन का सृजन हुआ।
भगवान विष्णु का स्वरूप
भगवान विष्णु की सवारी गरुड़ है। इनके एक हाथ में कौमोदकी गदा है। जबकि दूसरे हाथ में पाञ्चजन्य शंख है। तीसरे हाथ में सुदर्शन चक्र और चौथे हाथ में कमल है।भगवान श्रीहरि विष्णु जी के दसावतार 1. मत्स्य, 2. कूर्म, 3. वराह, 4. भगवान नृसिंह, 5. वामन, 6. श्रीराम, 7. श्रीकृष्ण, 8. परशुराम, 9. बुद्ध, 10. कल्कि