हिमालय की गोद में बसा है यह रहस्यमयी स्थान, सिद्ध पुरुष ही कर पाते हैं प्रवेश
Mysterious Place in Himalays सिद्धाश्रम में ज्ञान की गंगा बहती है। इस जगह पर केवल सिद्ध पुरुष रहते हैं। सामान्य लोगों की पहुंच से सिद्धाश्रम बहुत दूर है। इंसान सिद्धाश्रम की केवल कल्पना कर सकते हैं। जानकारों की मानें तो सिद्धाश्रम में समय ठहरा हुआ है। इसके लिए सिद्धाश्रम में रहने वाले सिद्ध पुरुष अमर हैं। इस स्थान पर सिद्ध पुरुष पंचतत्व रूप में उपस्थित हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 26 Jun 2024 10:00 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mysterious Places Of Himalayas: देवों के देव महादेव की महिमा बेहद निराली है। अपने भक्तो पर कृपा-दृष्टि बरसाते हैं। उनकी कृपा से शिव भक्तों की सभी परेशानी दूर हो जाती है। भगवान शिव स्वयं योगी हैं, लेकिन उनके भक्तों को जीवन में कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं रहती है। अतः शिव भक्तों की संख्या सबसे अधिक है। भगवान शिव को मानने वाले शैव कहलाते हैं। वर्तमान समय में वैष्णव समाज के लोग भी भगवान शिव की पूजा-उपासना करते हैं। सनातन शास्त्रों में भगवान शिव को प्रथम और सर्वश्रेष्ठ योगी कहा गया है।
भगवान शिव अधिकांश समय में ध्यान करते रहते हैं। इसके लिए उन्होंने हिमालय को अपना निवास स्थान चुना है। भगवान शिव कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं। हिमालय अपने रहस्यों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। विज्ञान भी हिमालय के रहस्यों की गुत्थी को सुलझाने में अब तक असफल रही है। खासकर, कैलाश और उसके आसपास कई ऐसे स्थान हैं, जो बेहद रहस्यमयी हैं। इनमें एक स्थान सिद्धाश्रम है। इस जगह के बारे में कहा जाता है कि यहां कोई मरता नहीं है। आसान शब्दों में कहें तो सिद्धाश्रम में रहने वाले लोग अमर हैं। उनकी मृत्यु नहीं होती है। आइए, इस रहस्यमयी जगह के बारे में विस्तार से जानते हैं-
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कहां है सिद्धाश्रम ?
धर्म शास्त्रों के जानकारों की मानें तो सिद्धाश्रम हिमालय में है, लेकिन हिमालय में किस स्थान पर है, यह पता लगाना मुश्किल है, क्योंकि सिद्धाश्रम को नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता है। सैटेलाइट के माध्यम से भी सिद्धाश्रम को नहीं देखा जा सकता है। सनातन शास्त्रों में सिद्धाश्रम का वर्णन है। ऐसा कहा जाता है कि जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने सिद्धाश्रम में ही तपस्या की थी। ये उस समय की बात है, जब भगवान विष्णु ने स्वर्ग नरेश इंद्र की सहायता करने के लिए वामन अवतार लिया था।
इस काल में भगवान विष्णु ने तप हेतु सिद्धाश्रम में अपना आश्रम बनाया था। उस समय से सिद्धि पाने वाले योगी और मुनियों के लिए सिद्धाश्रम तपस्थली रहा है। यह तपस्थली हिमालय की गोद में बसा है और भगवान शिव का निवास स्थान है। सिद्धाश्रम कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील के समीप है। ऐसा भी कहा जाता है कि सिद्धाश्रम हिमालय की गहराई में बसा है, जो कैलाश मानसरोवर से हजारों फुट नीचे है। सिद्धाश्रम का आशय एक ऐसे आश्रम से है, जहां पर सिद्ध पुरुष ध्यान करते हैं। इसे विश्वामित्र का आश्रम भी कहा जाता है। इस आश्रम का निर्माण भगवान विष्णु के कहने पर विश्वकर्मा जी ने की है।
क्या है मान्यता ?
सिद्धाश्रम को लेकर कई मान्यताएं हैं। सिद्धाश्रम के बारे में कहा जाता है कि कमल समान यह खूबसूरत स्थान सिद्ध क्षेत्र है। इस क्षेत्र में केवल सिद्ध पुरुष ही प्रवेश कर सकते हैं। सामान्य लोग किसी भी तकनीक के माध्यम से सिद्धाश्रम में प्रवेश नहीं कर सकते हैं। इस स्थान पर लोग मरते नहीं है, उन्हें अमरता का वरदान प्राप्त हो जाता है। कृपाचार्य, गंगापुत्र, विश्वामित्र समेत बड़े-बड़े ऋषि मुनियों को सिद्धाश्रम में सजीव रूप में देखा जा सकता है। ये सभी सजीव रूप में विचरण करते हैं। इसके अलावा, कई अन्य देवगण भी सिद्धाश्रम में ध्यान हेतु प्रवास करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि सिद्धाश्रम में खूबसूरत पेड़, पौधे, पशु, पक्षी, दिव्य फूल, क्षील आदि उपस्थित हैं।
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