तो इस वजह से शिव की शक्ति भगवती कहलाती हैं दुर्गा
शक्ति स्वरूपा माता भगवती शिव की अर्द्धांगनी हैं आइये जाने वो कथा जो बताती है कि कैसे उन्होंने दुर्गा नाम धारण किया।
By Molly SethEdited By: Updated: Fri, 14 Dec 2018 10:22 AM (IST)
कौन हैं दुर्गा
माता दुर्गा हिन्दुओं की प्रमुख देवी हैं जिन्हें केवल देवी और शक्ति भी कहते हैं। ये शाक्त सम्प्रदाय की मुख्य देवी हैं जिनकी तुलना परम ब्रह्म से की जाती है। दुर्गा को आदि शक्ति, प्रधान प्रकृति, गुणवती माया, बुद्धितत्व की जननी तथा विकार रहित बताया गया है। वह अंधकार व अज्ञानता रुपी राक्षसों से रक्षा करने वाली तथा कल्याणकारी हैं। उनके बारे में मान्यता है कि वे शान्ति, समृद्धि तथा धर्म पर आघात करने वाली राक्षसी शक्तियों का विनाश करतीं हैं।दुर्गम की दुरगति
कहते हैं पुरातन काल में दुर्गम नामक दैत्य हुआ। उसने ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर सभी वेदों को अपने वश में कर लिया जिससे देवताओं का बल क्षीण हो गया और उसने देवताओं को हराकर स्वर्ग पर कब्जा कर लिया। तब देवताओं को देवी भगवती का स्मरण हुआ। देवताओं के आह्वान पर देवी प्रकट हुईं। उन्होंने देवताओं से उन्हें बुलाने का कारण पूछा। सभी देवताओं ने एक स्वर में बताया कि दुर्गम नामक दैत्य ने सभी वेद तथा स्वर्ग पर अपना अधिकार कर लिया है तथा हमें अनेक यातनाएं दी हैं। आप उसका वध कर दीजिए। देवताओं की बात सुनकर देवी ने उन्हें दुर्गम का वध करने का आश्वासन दिया।
इस तरह बनीं दुर्गा
यह बात जब दैत्य राज दुर्गम को पता चली तो उसने देवताओं पर पुन: आक्रमण कर दिया। तब माता भगवती ने देवताओं की रक्षा की और दुर्गम की सेना का संहार कर दिया। सेना का संहार होते देख दुर्गम स्वयं युद्ध करने आया। इस पर माता भगवती ने काली, तारा, छिन्नमस्ता, श्रीविद्या, भुवनेश्वरी, भैरवी, बगला आदि कई सहायक शक्तियों का आह्वान कर उन्हें भी युद्ध करने के लिए प्रेरित किया। भयंकर युद्ध के पश्चात भगवती ने दुर्गम का वध कर दिया। दुर्गम का वध करने के कारण भगवती का नाम दुर्गा के नाम से विख्यात हुआ।