कुंडली में कौन-कौन से ग्रह होते हैं, क्या डालते हैं जीवन पर प्रभाव
ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह अपना स्वामित्व बताता है । जिस तरह व्यक्ति के जीवन में 12 राशियों का विशेष महत्व होता है। उसी तरह कुंडली में ग्रहों का किसी विशेष स्थान में होना भी महत्वपूर्ण है। कुंडली के केंद्र को विशेष अधिकार दिया गया है।
By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 30 Oct 2020 10:30 AM (IST)
ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह अपना स्वामित्व बताता है । जिस तरह व्यक्ति के जीवन में 12 राशियों का विशेष महत्व होता है। उसी तरह कुंडली में ग्रहों का किसी विशेष स्थान में होना भी महत्वपूर्ण है। कुंडली के केंद्र को विशेष अधिकार दिया गया है। यहाँ बता दे कि प्रथम, चतुर्थ, सप्तम एवं दशम भाव को केंद्र भाव माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में पहले भाव को स्वयं के तन का, चौथे भाव को सुख का, सप्तम भाव को वैवाहिक जीवन, दसवें भाव को कर्मभाव माना गया है। ज्योतिषाचार्या साक्षी शर्मा से जानिए कि कुंडली के केंद्र में कौन-से ग्रह रहते हैं तो उनका होता है कैसा असर-
-कुंडली के केंद्र में उच्च का सूर्य और केंद्र के चौथे भाव में गुरु हो तो व्यक्ति सुख-सुविधाओं से संपन्न रहता है।-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल जातक की कुंडली के केंद्र में भाव हो तो वह सेना या मिलिट्री से संबंधित काम करता है। वहीं सूर्य के केंद्र में होने से व्यक्ति राजा का सेवक, चंद्रमा केंद्र में हो तो व्यापारी बनता है।
-बुध जातक की कुंडली के केंद्र भाव में हो तो अध्यापक और गुरु के केंद्र में होने से व्यक्ति बुद्धिमान होता है।-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्र के केंद्र में होने से व्यक्ति धनवान और ज्ञानवान होता है।
-शास्त्र कहते हैं कि शनि के कुंडली के केंद्र भाव में होने से जातक बुरे लोगों की सेवा करने वाला होता है।-कुंडली के केंद्र भाव में कोई ग्रह न होना अशुभ माना जाता है। कहते हैं कि ऐसा होने से व्यक्ति कर्ज से परेशान रहता है।
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