Kojagiri Purnima 2024: आज है कोजागरी पूर्णिमा, रात में इस समय करें मां लक्ष्मी की पूजा
आश्विन महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा शरद पूर्णिमा के दिन महिलाएं अपनी संतान की खुशहाली के लिए व्रत करती हैं। कोजागरी पूर्णिमा पश्चिम बंगाल ओडिशा तथा असम जैसे राज्यों में अधिक प्रचलित है। मान्यताओं के अनुसार आश्विन पूर्णिमा की रात्रि पर माता लक्ष्मी का धरती पर आगमन होता है इसलिए यह दिन लक्ष्मी की जी कृपा प्राप्ति के लिए उत्तम माना जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कोजागर पूजा (Kojagar Puja 2024) के दिन मुख्य रूप से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। यह पूजा शरद पूर्णिमा के दिन होती है इसलिए इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की विधिवत रूप से पूजा और व्रत करने से साधक के जीवन में आ रही धन संबंधी समस्याओं से उसे राहत मिल सकता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस वर्ष कोजागरी पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त।
कोजागर पूजा का शुभ मुहूर्त (Kojagiri Purnima shubh Muhurat)
आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि 16 अक्टूबर को रात 08 बजकर 40 मिनट पर शुरू हो रही है। साथ ही इस तिथि का समापन 17 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में कोजागर व्रत बुधवार, 16 अक्टूबर को किया जाएगा। इस दौरान शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है -
- कोजागर पूजा निशिता काल - रात्रि 11 बजकर 42 से 12 बजकर 32 मिनट तक
- कोजागर पूजा के दिन चंद्रोदय - शाम 05 बजकर 05 मिनट पर
कोजागर पूजा का महत्व (Kojagiri Purnima Importance)
कोजागर पूर्णिमा या जिसे शरद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, को एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन माना गया है। ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन समुद्र मंथन के दौरान धन की देवी मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। इसलिए शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। इस विशेष दिन पर भक्त अपने घरों में मिट्टी का दीपक जलाकर मां लक्ष्मी को अपने घर आमंत्रित हैं। साथ ही पूजा के दौरान दरवाजे और खिड़कियां खुली छोड़ दी जाती हैं। इसी के साथ, किसान अच्छी फसल की कामना के साथ भी इस दिन देवी लक्ष्मी की आराधना करते हैं।
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