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Krishna Janmashtami 2023: 06 या 07 सितंबर, कब मनाया जाएगा जन्माष्टमी पर्व? नोट कर लीजिए सही तिथि

Krishna Janmashtami 2023 हिन्दू धर्म में भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को धूम-धाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण की उपासना करने से साधक को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है। कृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाई जाती है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Wed, 16 Aug 2023 12:42 PM (IST)
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Krishna Janmashtami 2023: इस दिन मनाया जाएगा श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर्व।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Krishna Janmashtami 2023: सनातन धर्म में श्री कृष्ण जन्माष्टमी को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन धूम-धाम से मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद मास में अष्टमी तिथि के दिन रोहिणी नक्षत्र की अर्धरात्रि में भगवान श्री कृष्ण का अवतरण हुआ था। इसलिए मान्यता है कि इस शुभ मुहूर्त में पूजा-पाठ करने से और उपवास का पालन करने से साधक को विशेष लाभ प्राप्त होता है। आइए जानते हैं, वर्ष 2023 में कब मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी, शुभ मुहूर्त और महत्व?

श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2023 तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का शुभारंभ 06 सितंबर दोपहर 03 बजकर 37 मिनट से होगा और इस तिथि का समापन 07 अगस्त शाम 04 बजकर 14 मिनट पर हो जाएगा। बता दें कि इस दिन रोहिणी नक्षत्र 06 अगस्त सुबह 09 बजकर 20 मिनट से 07 सितंबर सुबह 10 बजकर 25 मिनट के बीच रहेगा। वहीं मध्यरात्रि क्षण रात्रि 12 बजकर 20 मिनट पर होगा।

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स्मार्त सम्प्रदाय के अनुयायीयों द्वारा जन्माष्टमी पर्व 06 सितंबर 2023, बुधवार के मनाया जाएगा। वहीं वैष्णव सम्प्रदाय के अनुयायियों द्वारा जन्माष्टमी पर्व 07 सितंबर 2023, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूजा एवं व्रत महत्व

शास्त्रों में यह विदित है कि भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर मध्यरात्रि में भगवान श्री कृष्ण की विधिवत उपासना करने से और इस दिन उपवास रखने से साधकों को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ मध्यरात्रि में भजन-कीर्तन करने से भगवान श्री कृष्ण प्रसन्न होते हैं और साधकों को आत्मिक शांति प्राप्त होती होती है।

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डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।