krishna janmashtami 2024: 26 या 27 अगस्त? वृंदावन में किस दिन मनाई जाएगी जन्माष्टमी? एक क्लिक में दूर करें कन्फ्यूजन
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि शुभ मानी जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन कान्हा जी का अवतरण हुआ था। इस पर्व का उत्साह मथुरा ही नहीं बल्कि देश-विदेश में भी देखने को मिलता है। चलिए इस लेख में हम आपको बताएंगे कि मथुरा और वृंदावन में किस दिन जन्माष्टमी (krishna janmashtami 2024 Date) का पर्व मनाया जाएगा?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shree Krishna Janmashtami 2024: जन्माष्टमी के दिन मथुरा और वृंदावन नगरी में हर्षोल्लास देखने को मिलता है। इस पर्व से कुछ दिन पहले ही मथुरा नगरी समेत देशभर के भगवान कृष्ण के मंदिरों को सुंदर तरीके से सजाया जाता है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों और गली-मोहल्लें में कई तरह के खास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जन्मभूमि और वृंदावन के बांके बिहारी समेत सभी मंदिरों में विशेष तैयारियां की जाती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि मथुरा और वृंदावन में जन्माष्टमी (Janmashtami 2024 Celebration) का त्योहार किस दिन मनाया जाएगा?
कब है मथुरा और वृंदावन में जन्माष्टमी?
भगवान कृष्ण की नगरी जन्मभूमि मथुरा में जन्माष्टमी का उत्सव सोमवार, 26 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन जन्मभूमि मंदिर में रात को 12 बजे बजे लड्डू गोपाल का विधिपूर्वक अभिषेक कर पूजा-अर्चना की जाएगी। वहीं, वृंदावन में जन्माष्टमी का पर्व 27 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती का आयोजन किया जाएगा। यह आरती वर्ष में एक ही बार होती है। इस आरती में अधिक संख्या में भक्त शामिल होते हैं।
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जन्माष्टमी 2024 पूजा शुभ मुहूर्त (Janmashtami 2024 Puja Time)
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 26 अगस्त को मध्य रात्रि 03 बजकर 39 मिनट पर शुरू हो रही है। साथ ही इस तिथि का समापन 27 अगस्त को मध्य रात्रि 02 बजकर 19 पर समाप्त होगा। ऐसे में जन्माष्टमी व्रत 26 अगस्त को किया जाएगा। इस दिन कान्हा जी की पूजा 27 अगस्त की रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से लकर 12 बजकर 45 मिनट के बीच में कर सकते हैं।लड्डू गोपाल के भोग (Laddu Gopal Bhog)
जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल की पूजा करें और खीर, सेब और अनार का भोग लगाएं। प्रभु को इन भोग को अर्पित करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा भोग में पीले रंग की मिठाई भी शामिल कर सकते हैं। लड्डू गोपाल को माखन-मिश्री प्रिय है। इसका भोग लगाने से कान्हा जी प्रसन्न होते हैं।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
भोग मंत्र
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।। इस मंत्र का अर्थ है कि हे प्रभु जो भी मेरे पास है। वो आपका दिया हुआ है। मैं आपको दिया हुआ अर्पित करता हूं। मेरे इस भोग को आप स्वीकार करें।यह भी पढ़ें: Janmashtami 2024: इस जन्माष्टमी श्री कृष्ण को जरूर चढ़ाएं ये 11 पारंपरिक भोग, घर पर भी कर सकते हैं तैयारअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।