Move to Jagran APP

Krishna Morpankh: भगवान श्रीकृष्ण का श्रृंगार मोरपंख के बिना है अधूरा, जानें इसको धारण करने की वजह

धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करने से जातक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और प्रभु भक्तों पर सदा कृपा बरसाते हैं। अतः उनके भक्तों को जीवन में किसी भी समस्या का सामना नहीं कर पड़ता। रोजाना पूजा के दौरान श्रीकृष्ण का विशेष श्रृंगार किया जाता है। प्रभु को सुंदर वस्त्र बांसुरी मुकुट और मोरपंख (Krishna Morpankh) पहनाया जाता है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 18 May 2024 01:38 PM (IST)
Hero Image
Krishna Morpankh: भगवान श्रीकृष्ण का श्रृंगार मोरपंख के बिना है अधूरा, जानें इसको धारण करने की वजह
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Krishna Morpankh : सनातन धर्म में सभी देवी-देवता की पूजा का विशेष महत्व है। इनमें भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करने से जातक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और प्रभु भक्तों पर सदा कृपा बरसाते हैं। अतः उनके भक्तों को जीवन में किसी भी समस्या का सामना नहीं कर पड़ता। रोजाना पूजा के दौरान श्रीकृष्ण का विशेष श्रृंगार किया जाता है। प्रभु को सुंदर वस्त्र, बांसुरी, मुकुट और मोरपंख पहनाया जाता है। प्रभु का स्वरूप बेहद निराला है। क्या आपने कभी सोचा है कि भगवान श्रीकृष्ण मोरपंख क्यों धारण करते हैं? अगर नहीं पता, तो आइए जानते हैं इसके बारे विस्तार से।  

यह भी पढ़ें: Parshuram Dwadashi 2024: संतान प्राप्ति के लिए खास मानी जाती है परशुराम द्वादशी, इस विधि से करें पूजा

मोरपंख धारण करनी की ये हैं वजह

  • भगवान श्रीकृष्ण ने मोरपंख धारण कर कई संदेश दिए हैं। मोरपंख पहनने की कई वजह हैं। भगवान श्रीकृष्ण के सिर पर मोरपंख का होना राधा से उनके अटूट प्रेम की निशानी मानी जाती है। धार्मिक मान्यता है कि एक बार कान्हा बांसुरी बजा रहे थे, तब राधा नृत्य करनी लगीं। इस दौरान महल में मोर भी नाचने लगे। नृत्य के समय मोर का पंख नीचे गिर गया। उस मोरपंख को श्रीकृष्ण ने माथे पर लगाया। इसलिए मोरपंख को राधा के प्रेम के प्रतीक के रूप में माना गया है।  
  • ज्योतिष विद्वानों के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा मोरपंख धारण करने की एक वजह यह भी है क्योंकि उनकी कुंडली में कालसर्प दोष था। ऐसा माना जाता है कि मोरपंख धारण करने से कालसर्प दोष से छुटकारा मिलता है। इसलिए प्रभु कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए मोरपंख पहना।
  • भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा मोरपंख सजाने के पीछे की वजह यह भी है कि केवल मोर ही सिर्फ ऐसा पक्षी है, जो जीवन में सदैव ब्रह्मचर्य रहता है। ऐसा कहा जाता है कि मादा मोर नर मोर के आंसू के द्वारा गर्भ धारण करती है। इसलिए श्रीकृष्ण ब्रह्मचर्य पक्षी के पंख को धारण करते हैं।  
यह भी पढ़ें: Mohini Ekadashi 2024 Vrat Katha: मोहिनी एकादशी व्रत से सभी पापों का होगा नाश, जरूर पढ़ें ये कथा


अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।