Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024: कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी पर करें ये उपाय, संकटों से मिलेगा छुटकारा
ज्योतिष शास्त्र में कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के उपायों के बारे में वर्णन किया गया है। यदि आप भी गणपति बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए आप कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी (Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024) के दिन कुछ चमत्कारी उपाय कर सकते हैं। इससे आर्थिक तंगी और कर्ज से मुक्ति मिलती है। साथ ही प्रभु की कृपा प्राप्त होती है।
धर्म डेक्स, नई दिल्ली। Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024: सनातन धर्म में मंगलिक कार्य में सफलता प्राप्ति के लिए भगवान शिव के पुत्र गणपति बप्पा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। पंचांग के अनुसार, हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन गणपति बप्पा की पूजा की जाती है। साथ ही सभी विघ्नों को दूर करने के लिए व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि विधिपूर्वक भगवान गणेश जी की उपासना करने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
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कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के उपाय (Krishnapingal Sankashti Chaturthi Ke Upay)
- अगर आप लंबे समय से कर्ज की परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी पर सुबह स्नान करने के बाद गणपति बप्पा की दीपक जलाकर आरती करें और मोदक का भोग लगाएं। मान्यता है कि इस उपाय को करने से जातक को आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है और कर्ज समाप्त होता है।
- कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के दिन हरे रंग वस्त्र धारण करें क्योंकि गणपति बप्पा को हरा रंग प्रिय है। इसके बाद विधिपूर्वक प्रभु की पूजा-अर्चना करें। उन्हें 5 लौंग और 5 इलायची अर्पित करें। कहा जाता है कि इस टोटके को करने से परिवार के सदस्यों के बीच मनमुटाव की समस्या से मुक्ति मिलती है।
- जीवन के संकटों को दूर करने के लिए कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी का व्रत करें और केला के पत्ता पर रोली से त्रिकोण बनाएं। अगर वाले कोण पर मसूर की दाल और लाल मिर्च रखें। इस दौरान ‘अग्ने सखस्य बोधि नः’ मंत्र का जप करें। ऐसा कहा जाता है कि इससे जातक को सभी तरह के दुख और संकट से छुटकारा मिलता है।
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 25 जून को देर रात 01 बजकर 23 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 25 जून को रात 11 बजकर 10 मिनट पर होगा। ऐसे में 25 जून को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा।यह भी पढ़ें: Budh Pradosh Vrat 2024: संध्या आरती के समय जरूर करें इस स्तोत्र का पाठ, दूर होंगे सभी दुख और संताप
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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