Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024: कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के दिन क्या करें और क्या न करें? यहां जानें
कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के दिन वर्जित कार्यों को करने से बचना चाहिए। मान्यता है है कि इन कार्यों को करने से इंसान को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना पड़ सकता है और भगवान गणेश नाराज हो सकते हैं। इसके अलावा पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के नियम के बारे में।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024 Ke Niyam: सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि का व्रत बेहद शुभ माना गया है। यह पर्व भगवान शिव के पुत्र गणपति बप्पा को समर्पित है। आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष यह व्रत 25 जून को है। इस तिथि पर शिव परिवार के संग भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। व्रत के दौरान कई नियम का पालन करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा न करने से जातक अशुभ फल की प्राप्ति होती है।
कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी पर क्या करें?
- संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए।
- भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए।
- गरीब लोगों को अन्न, धन और वस्त्र समेत आदि चीजों का दान करना चाहिए।
- गणपति बप्पा के मंत्रों का जप करना चाहिए। साथ ही गणेश चालीसा का पाठ करना फलदायी साबित होता है।
- पूजा के दौरान भगवान गणेश को फल, फूल और मिठाई का भोग लगाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है।
- कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के दिन हरे या लाल वस्त्र धारण करने चाहिए।
- इसके अलावा भजन-कीर्तन करना चाहिए।
- कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। इस दौरान काले रंग वस्त्र धारण करने से बचना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन काले वस्त्र पहनना अशुभ होता है। ऐसा करने से दांपत्य जीवन पर बुरा असर पड़ता है।
- इसके अलावा बड़े बुजुर्गों और महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए।
- तामसिक भोजन का सेवन भूलकर भी न करें।
- तुलसी के दल को शुभ माना जाता है। इस पौधे में मां लक्ष्मी का वास माना जाता है, लेकिन भगवान गणेश की पूजा में तुलसी दल चढ़ाना वर्जित है।
कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 25 जून को देर रात 01 बजकर 23 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 25 जून को रात 11 बजकर 10 मिनट पर होगा। ऐसे में 25 जून को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा।यह भी पढ़ें: Deepak ke Upay: आर्थिक तंगी होगी दूर, घर में होगा मां लक्ष्मी का वास, करें दीपक के ये खास उपाय
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।