Move to Jagran APP

Kuber 108 Names: भगवान कुबेर को बेहद प्रिय है यह दिन, ऐसे करें उन्हें प्रसन्न

शुक्रवार के दिन कुबेर देव की पूजा का विधान है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो लोग धन के राजा की पूजा सच्ची श्रद्धा के साथ करते हैं उनके जीवन में कभी धन और वैभव की कमी नहीं रहती है। साथ ही माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा नियमित रूप से उनके 108 नामों (Kuber 108 Names) का जाप करना भी बहुत कल्याणकारी होता है।

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Fri, 23 Feb 2024 08:29 AM (IST)
Hero Image
Kuber 108 Names: ''कुबेर देव के 108 नामों का जाप''
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kuber 108 Names: सनातन धर्म में भगवान कुबेर की पूजा बहुत फलदायी मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त धन के राजा की पूजा करते हैं उनके घर में कभी धन और वैभव की कमी नहीं रहती है। साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुबेर देव की पूजा शुक्रवार के दिन जरूर करनी चाहिए, क्योंकि यह दिन उन्हें बेहद प्रिय है। साथ ही नियमित रूप से उनके 108 नामों का जाप भाव के साथ करना चाहिए, जो इस प्रकार हैं।

''कुबेर देव के 108 नामों का जाप''

  • ॐ कुबेराय नमः।
  • ॐ धनदाय नमः।
  • ॐ श्रीमाते नमः।
  • ॐ यक्षेशाय नमः।
  • ॐ गुह्य​केश्वराय नमः।
  • ॐ निधीशाय नमः।
  • ॐ शङ्करसखाय नमः।
  • ॐ महालक्ष्मीनिवासभुवये नमः।
  • ॐ महापद्मनिधीशाय नमः।
  • ॐ पूर्णाय नमः।
  • ॐ पद्मनिधीश्वराय नमः।
  • ॐ शङ्ख्यनिधिनाथाय नमः।
  • ॐ मकराख्यनिधिप्रियाय नमः।
  • ॐ सुखसम्पतिनिधीशाय नमः।
  • ॐ मुकुन्दनिधिनायकाय नमः।
  • ॐ कुन्दाक्यनिधिनाथाय नमः।
  • ॐ नीलनित्याधिपाय नमः।
  • ॐ महते नमः।
  • ॐ वरन्नित्याधिपाय नमः।
  • ॐ पूज्याय नमः।
  • ॐ लक्ष्मिसाम्राज्यदायकाय नमः।
  • ॐ इलपिलापतये नमः।
  • ॐ कोशाधीशाय नमः।
  • ॐ कुलोचिताय नमः।
  • ॐ अश्वारूढाय नमः।
  • ॐ विश्ववन्द्याय नमः।
  • ॐ विशेषज्ञानाय नमः।
  • ॐ विशारदाय नमः।
  • ॐ नलकूबरनाथाय नमः।
  • ॐ मणिग्रीवपित्रे नमः।
  • ॐ गूढमन्त्राय नमः।
  • ॐ वैश्रवणाय नमः।
  • ॐ चित्रलेखामनःप्रियाय नमः।
  • ॐ एकपिनाकाय नमः।
  • ॐ अलकाधीशाय नमः।
  • ॐ पौलस्त्याय नमः।
  • ॐ नरवाहनाय नमः।
  • ॐ कैलासशैलनिलयाय नमः।
  • ॐ राज्यदाय नमः।
  • ॐ रावणाग्रजाय नमः।
  • ॐ चित्रचैत्ररथाय नमः।
  • ॐ उद्यानविहाराय नमः।
  • ॐ विहरसुकुथूहलाय नमः।
  • ॐ महोत्सहाय नमः।
  • ॐ महाप्राज्ञाय नमः।
  • ॐ सदापुष्पक वाहनाय नमः।
  • ॐ सार्वभौमाय नमः।
  • ॐ अङ्गनाथाय नमः।
  • ॐ सोमाय नमः।
  • ॐ सौम्यादिकेश्वराय नमः।
  • ॐ पुण्यात्मने नमः।
  • ॐ पुरूहुतश्रियै नमः।
  • ॐ सर्वपुण्यजनेश्वराय नमः।
  • ॐ नित्यकीर्तये नमः।
  • ॐ निधिवेत्रे नमः।
  • ॐ लंकाप्राक्तन नायकाय नमः।
  • ॐ यक्षिनीवृताय नमः।
  • ॐ यक्षाय नमः।
  • ॐ परमशान्तात्मने नमः।
  • ॐ यक्षराजे नमः।
  • ॐ यक्षिणि हृदयाय नमः।
  • ॐ किन्नरेश्वराय नमः।
  • ॐ किंपुरुशनाथाय नमः।
  • ॐ नाथाय नमः।
  • ॐ खट्कायुधाय नमः।
  • ॐ वशिने नमः।
  • ॐ ईशानदक्ष पार्स्वस्थाय नमः।
  • ॐ वायुवाय समास्रयाय नमः।
  • ॐ धर्ममार्गैस्निरताय नमः।
  • ॐ धर्मसम्मुख संस्थिताय नमः।
  • ॐ नित्येश्वराय नमः।
  • ॐ धनाधयक्षाय नमः।
  • ॐ अष्टलक्ष्म्याश्रितलयाय नमः।
  • ॐ मनुष्य धर्मण्यै नमः।
  • ॐ सकृताय नमः।
  • ॐ कोष लक्ष्मी समाश्रिताय नमः।
  • ॐ धनलक्ष्मी नित्यवासाय नमः।
  • ॐ धान्यलक्ष्मीनिवास भुवये नमः।
  • ॐ अश्तलक्ष्मी सदवासाय नमः।
  • ॐ गजलक्ष्मी स्थिरालयाय नमः।
  • ॐ राज्यलक्ष्मीजन्मगेहाय नमः।
  • ॐ धैर्यलक्ष्मी-कृपाश्रयाय नमः।
  • ॐ अखण्डैश्वर्य संयुक्ताय नमः।
  • ॐ नित्यानन्दाय नमः।
  • ॐ सुखाश्रयाय नमः।
  • ॐ नित्यतृप्ताय नमः।
  • ॐ निधित्तरै नमः।
  • ॐ निराशाय नमः।
  • ॐ निरुपद्रवाय नमः।
  • ॐ नित्यकामाय नमः।
  • ॐ निराकाङ्क्षाय नमः।
  • ॐ निरूपाधिकवासभुवये नमः।
  • ॐ शान्ताय नमः।
  • ॐ सर्वगुणोपेताय नमः।
  • ॐ सर्वज्ञाय नमः।
  • ॐ सर्वसम्मताय नमः।
  • ॐ सर्वाणिकरुणापात्राय नमः।
  • ॐ सदानन्दक्रिपालयाय नमः।
  • ॐ गन्धर्वकुलसंसेव्याय नमः।
  • ॐ सौगन्धिककुसुमप्रियाय नमः।
  • ॐ स्वर्णनगरीवासाय नमः।
  • ॐ निधिपीठ समस्थायै नमः।
  • ॐ महामेरुत्तरस्थायै नमः।
  • ॐ महर्षिगणसंस्तुताय नमः।
  • ॐ तुष्टाय नमः।
  • ॐ शूर्पणकज्येष्ठाय नमः।
  • ॐ शिवपूजारताय नमः।
  • ॐ अनघाय नमः।
यह भी पढ़ें: Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार ये आदतें बनती हैं दुखों का कारण, जिंदगीभर परेशान रहते हैं ऐसे लोग

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।