Kuber Puja: इस आरती से करें भगवान कुबेर की पूजा का समापन, जीवन भर रहेंगे धनवान
शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि जो साधक कुबेर जी की पूजा करते हैं उनके घर में कभी धन की समस्या नहीं होती है। साथ ही आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुबेर देव की पूजा शुक्रवार के दिन बेहद ही लाभकारी होती है क्योंकि यह दिन उन्हें बेहद प्रिय है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में भगवान कुबेर की पूजा बहुत शुभ मानी गई है। शुक्रवार के दिन धन की देवी माता लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि जो जातक कुबेर जी की पूजा करते हैं उनके घर में कभी धन की समस्या नहीं होती है। साथ ही आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुबेर देव की पूजा (Kuber Puja) शुक्रवार के दिन बेहद ही लाभकारी होती है, क्योंकि यह दिन उन्हें प्रिय और समर्पित है। इसके अलावा उनके 108 नामों का जाप भी बहुत पुण्यदायी माना गया है, जो इस प्रकार हैं।
॥ भगवान कुबेर की आरती॥
ऊँ जै यक्ष कुबेर हरेस्वामी जय यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे
शरण पड़े भगतों केभंडार कुबेर भरे॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे॥शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़ेस्वामी भक्त कुबेर बड़ेदैत्य दानव मानव से
कई-कई युद्ध लड़े॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे॥स्वर्ण सिंहासन बैठेसिर पर छत्र फिरेस्वामी सिर पर छत्र फिरेयोगिनि मंगल गावैंसब जय जय कार करे॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे..गदा त्रिशूल हाथ मेंशस्त्र बहुत धरेस्वामी शस्त्र बहुत धरेदुख भय संकट मोचनधनुष टंकार करें ॥॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे॥भांति भांति के व्यंजन बहुत बने
स्वामी व्यंजन बहुत बनेमोहन भोग लगाएंसाथ में उड़द चने ॥॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे॥बल बुद्धि विद्या दाताहम तेरी शरण पड़ेस्वामी हम तेरी शरण पड़ेअपने भक्त जनों केसारे काम संवारे॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे॥मुकुट मणी की शोभामोतियन हार गलेस्वामी मोतियन हार गलेअगर कपूर की बातीघी की जोत जले॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे॥
यक्ष कुबेर जी की आरतीजो कोई नर गावेस्वामी जो कोई नर गावेकहत प्रेमपाल स्वामीमनवांछित फल पावे॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे॥यह भी पढ़ें: Shukra Dev Pujan: शुक्रवार के दिन करें इस स्तोत्र का पाठ, जीवन में कभी नहीं होगी धन-दौलत की कमी
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