Kumbh Sankranti 2024: साल 2024 में कब है कुंभ संक्रांति? जानें-शुभ मुहूर्त, योग एवं धार्मिक महत्व
Kumbh Sankranti 2024 वर्तमान समय में सूर्य देव मकर राशि में विराजमान हैं और माघ माह में राशि परिवर्तन करेंगे। सूर्य देव के कुंभ राशि में प्रवेश करने की तिथि पर कुंभ संक्रांति मनाई जाती है। इस दिन स्नान-ध्यान पूजा जप-तप और दान-पुण्य किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि संक्रांति तिथि पर सूर्य उपासना और दान-पुण्य करने से व्यक्ति को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kumbh Sankranti 2024: सनातन धर्म में संक्रांति तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य देव एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। वर्तमान समय में सूर्य देव मकर राशि में विराजमान हैं और माघ माह में राशि परिवर्तन करेंगे। सूर्य देव के कुंभ राशि में प्रवेश करने की तिथि पर कुंभ संक्रांति मनाई जाती है। इस दिन स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान-पुण्य किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि संक्रांति तिथि पर सूर्य उपासना और दान-पुण्य करने से व्यक्ति को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर हो जाते हैं। आइए, कुंभ संक्रांति की तिथि, शुभ मुहूर्त, योग एवं धार्मिक महत्व जानते हैं-
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सूर्य राशि परिवर्तन
ज्योतिषियों की मानें तो आत्मा के कारक सूर्य देव 13 फरवरी को दोपहर 03 बजकर 43 मिनट पर मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इस दौरान सूर्य देव 20 फरवरी को शतभिषा और 04 मार्च को भाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। अतः 13 फरवरी को कुंभ संक्रांति मनाई जाएगी।
शुभ योग
कुंभ संक्रांति तिथि पर मंगलकारी साध्य योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण देर रात 11 बजकर 45 मिनट तक है। इसके बाद शुभ योग का निर्माण हो रहा है। साध्य योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी।
सर्वार्थ सिद्धि योग
कुंभ संक्रांति तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 02 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक हो रहा है। इसी समय में रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। रवि योग में भगवान भास्कर की पूजा करने से कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होगा।
शुभ मुहूर्त
ज्योतिष गणना के अनुसार, कुंभ संक्रांति तिथि पर पुण्य काल सुबह 09 बजकर 57 मिनट से दोपहर 03 बजकर 54 मिनट तक है। वहीं, पुण्य काल दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से दोपहर 03 बजकर 54 मिनट तक है। इस दौरान दान-पुण्य कर भगवान सूर्य की कृपा के भागी बन सकते हैं।
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