Laddu Gopal के पास कभी न रखें ऐसी चीजें, वरना बढ़ सकती हैं जीवन की मुश्किलें
भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप यानी लड्डू गोपाल जी का पूजन करना बहुत ही शुभ माना जाता है। लेकिन पूजन के दौरान कुछ विशेष नियमों का भी ध्यान रखना होता है ताकि आपको इसके शुभ परिणाम प्राप्त हो सके। ऐसे में चलिए जानते हैं कि लड्डू गोपाल के पास किन चीजों को नहीं रखना चाहिए वरना आपको अच्छे परिणाम नहीं मिलते।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कई लोगों के घर में लड्डू गोपाल विराजमान होते हैं, और उनकी सेवा एक बालक या फिर घर के सदस्य की तरह ही की जाती है। मान्यता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। लड्डू गोपाल को घर में रखने के कई नियम बताए गए हैं। ऐसे में यदि आपके घर में भी लड्डू गोपाल विराजमान हैं, तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें।
न रखें ऐसे बर्तन
कई लोग भोग आदि लगाने के बाद जूठे बर्तन आदि मंदिर में ही रखा छोड़ देते हैं। ऐसा माना जाता है कि एक बार भोग लगाने के बाद वह बर्तन जूठा हो जाता है। ऐसी स्थिति में भोग लगाने के बाद उस बर्तन को लड्डू गोपाल के पास से हटा लेना चाहिए। भोग को कान्हा जी के पास 10 मिनट से ज्यादा नहीं रखना चाहिए। नए या फिर धुले हुए बर्तन में ही भोग लगाएं, वरना बाल गोपाल नाराज हो सकते हैं और आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।
न रखें ऐसी मूर्तियां
वास्तु के अनुसार अपने घर के मंदिर में या फिर लड्डू गोपाल के पास भूलकर भी खंडित मूर्तियां आदि नहीं रखनी चाहिए। इससे नकारात्मकता पैदा होने लगती है। इसलिए खंडित मूर्तियों को तुरंत लड्डू गोपाल के पास से हटा दें।यह भी पढ़ें - Ashadha Month 2024: पितृ होंगे प्रसन्न, मिलेगा अपार यश, आषाढ़ माह में ऐसे दें भगवान सूर्य को अर्घ्य
इस बात का भी रखें ध्यान
लड्डू गोपाल की सेवा में साफ-सफाई का भी विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। लड्डू गोपाल के उतारे हुए कपड़ों को धोने के बाद ही दोबारा मंदिर में रखना चाहिए। इसके साथ ही और कोई गंदा कपड़ा भी लड्डू गोपाल के पास नहीं रखना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि लड्डू गोपाल को हमेशा साफ-सुथरे वस्त्र ही पहनाने चाहिए।अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।