Lakshmi ji Puja: मां लक्ष्मी को इस तरह कर सकते हैं प्रसन्न, कृपा बरसाएंगी धन की देवी
हिंदू धर्म में माना जाता है कि मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने वाले साधक को आर्थिक सम्पन्ना प्राप्त होती है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहें हैं कि आप किस प्रकार धन की देवी मां लक्ष्मी (Lakshmi ji Puja) को प्रसन्न कर सकते हैं। जिससे आपको परिवार में सुख-समृद्धि का वास बना रहे। चलिए जानते हैं इस विषय में।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, शुक्रवार का दिन धन की देवी लक्ष्मी जी की आराधना के लिए सबसे उत्तम माना गया है। ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी की कृपा से साधक को धन-धान्य की कोई कमी नहीं होती। ऐसे में यदि आप मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए रोजाना, खासकर शुक्रवार के दिन श्री-सूक्त का पाठ कर सकते हैं। तो चलिए पढ़ते हैं श्री-सूक्त पाठ।
।। श्री-सूक्त पाठ ।। (Shri Suktam Paath)
ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्णरजतस्त्रजाम् ।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।।
तां म आ वह जातवेदो, लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम् ।।
अश्वपूर्वां रथमध्यां, हस्तिनादप्रमोदिनीम् ।श्रियं देवीमुप ह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम् ।।कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम् ।पद्मेस्थितां पद्मवर्णां तामिहोप ह्वये श्रियम् ।।
चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम् ।तां पद्मिनीमीं शरणं प्र पद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे ।।आदित्यवर्णे तपसोऽधि जातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽक्ष बिल्वः ।तस्य फलानि तपसा नुदन्तु या अन्तरा याश्च बाह्या अलक्ष्मीः ।।यह भी पढ़ें - Diwali 2024: दीपोत्सव पर मां लक्ष्मी के इन मंदिरों के जरूर करें दर्शन, भरपूर मिलेगी कृपा
उपैतु मां दैवसखः, कीर्तिश्च मणिना सह ।प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन्, कीर्तिमृद्धिं ददातु मे ।।क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् ।अभतिमसमृद्धिं च, सर्वां निर्णुद मे गृहात् ।।गन्धद्वारां दुराधर्षां, नित्यपुष्टां करीषिणीम् ।ईश्वरीं सर्वभूतानां, तामिहोप ह्वये श्रियम् ।।मनसः काममाकूतिं, वाचः सत्यमशीमहि ।पशूनां रूपमन्नस्य, मयि श्रीः श्रयतां यशः ।।
कर्दमेन प्रजा भूता मयि सम्भव कर्दम ।श्रियं वासय मे कुले मातरं पद्ममालिनीम् ।।आपः सृजन्तु स्निग्धानि चिक्लीत वस मे गृहे ।नि च देवीं मातरं श्रियं वासय मे कुले ।।आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं पिंगलां पद्ममालिनीम् ।चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।।यह भी पढ़ें - Vastu Tips: दीवाली से पहले इन चीजों को दिखाएं बाहर का रास्ता, घर में होगा मां लक्ष्मी का आगमन
आर्द्रां य करिणीं यष्टिं सुवर्णां हेममालिनीम् ।सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आ वह ।।तां म आ वह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् ।यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वान् विन्देयं पुरुषानहम् ।।य: शुचि: प्रयतो भूत्वा जुहुयादाज्यमन्वहम् ।सूक्तं पंचदशर्चं च श्रीकाम: सततं जपेत् ।।।। इति समाप्ति ।।अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।