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Laxmi Puja: आज के दिन करें मां लक्ष्मी की इस शक्तिशाली स्तुति का पाठ, होगा लाभ ही लाभ

Laxmi Stuti सनातन धर्म में मां लक्ष्मी की पूजा को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। वहीं कार्तिक माह में लक्ष्मी पूजन का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए जो साधक मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं उनकी स्तुति का पाठ शुक्रवार के दिन अवश्य करें ऐसा करना बेहद फलदायी माना गया है। मां लक्ष्मी की स्तुति इस प्रकार है -

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Fri, 24 Nov 2023 07:00 AM (IST)
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Laxmi Stuti: शुक्रवार के दिन करें मां लक्ष्मी की इस स्तुति का पाठ
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Laxmi Stuti: शास्त्रों में मां लक्ष्मी को धन की स्वामिनी कहा गया है, जो साधक धन की देवी की पूजा करते हैं उनके जीवन में भौतिक सुखों की कभी कमी नहीं होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक माह में मां लक्ष्मी की पूजा और भी ज्यादा फलदायी मानी गई है। इसलिए जो साधक मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं, उनकी स्तुति का पाठ शुक्रवार के दिन विधि अनुसार करें, जो इस प्रकार है-

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लक्ष्मी स्तुति

आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

विद्या लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु ब्रह्म विद्या स्वरूपिणि।विद्यां देहि कलां देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

धन लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व दारिद्र्य नाशिनि।धनं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

धान्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वाभरण भूषिते।धान्यं देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

मेधा लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु कलि कल्मष नाशिनि।प्रज्ञां देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

गज लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वदेव स्वरूपिणि।अश्वांश गोकुलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

धीर लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पराशक्ति स्वरूपिणि।वीर्यं देहि बलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

जय लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व कार्य जयप्रदे।जयं देहि शुभं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

भाग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सौमाङ्गल्य विवर्धिनि।भाग्यं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

कीर्ति लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु विष्णुवक्ष स्थल स्थिते।कीर्तिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

आरोग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व रोग निवारणि।आयुर्देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

सिद्ध लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व सिद्धि प्रदायिनि।सिद्धिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

सौन्दर्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वालङ्कार शोभिते।रूपं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

साम्राज्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि।मोक्षं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

मङ्गले मङ्गलाधारे माङ्गल्ये मङ्गल प्रदे।मङ्गलार्थं मङ्गलेशि माङ्गल्यं देहि मे सदा।

सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।शरण्ये त्रयम्बके देवि नारायणि नमोऽस्तुते।

शुभं भवतु कल्याणी आयुरारोग्य सम्पदाम्।

मां लक्ष्मी की स्तुति की विधि

  • सुबह उठकर पवित्र स्नान करें।
  • स्नान के बाद लाल या गुलाबी वस्त्र धारण करें।
  • पूजा के लिए लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
  • मां लक्ष्मी का गंगाजल से अभिषेक करें।
  • कुमकुम का तिलक लगाएं।
  • कमल का फूल अर्पित करें।
  • खीर का भोग लगाएं।
  • मां लक्ष्मी के मंत्र या स्तुति का पाठ करें।
  • आरती से पूजा का समापन करें।
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