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जानें, सीताजी के संबंध में ये अदभूत बातें

मिथिला के राजा जनक माता सीता के पिता और सुनयना, सीताजी की मां थीं। सुनयना अत्यंत सरल, साध्वी, धर्म परायण, विनयी एवं उदार थीं। इनके ह्दय में जीव मात्र के के प्रति अटूट दया थी।

By Preeti jhaEdited By: Updated: Sat, 14 May 2016 04:43 PM (IST)
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मिथिला के राजा जनक माता सीता के पिता और सुनयना, सीताजी की मां थीं। सुनयना अत्यंत सरल, साध्वी, धर्म परायण, विनयी एवं उदार थीं। इनके ह्दय में जीव मात्र के के प्रति अटूट दया थी।

वहीं, जनक मिथिला के राजा और निमि के पुत्र थे। जनक का वास्तविक नाम 'सिरध्वज' था। इनके छोटे भाई का नाम 'कुशध्वज' था। त्रेतायुग में राजा जनक अपने अध्यात्म तथा तत्त्वज्ञान के लिए बहुत ही प्रसिद्ध थे। उनकी विद्वता की हर कोई प्रशंसा करता था।

जनक के पूर्वज निमि या विदेह के वंश का कुलनाम मानते हैं। यह सूर्यवंशी और इक्ष्वाकु के पुत्र निमि से निकली एक शाखा है। इस विदेह वंश के द्वितीय पुरुष मिथि जनक ने मिथिला नगरी की स्थापना की थी। इतिहासकार जनक को कृषि विशेषज्ञ के रूप में स्वीकार करते हैं।

शिव की धरोहर के रक्षक थे जनक

शिव-धनुष ( पिनाक)उन्हीं की धरोहरस्वरूप राजा जनक के पास सुरक्षित था। हिंदू पौराणिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि प्रजापति दक्ष ने यज्ञ विनष्ट होने के अवसर पर रुष्टमना शिव ने इसी धनुष को टंकार कर कहा था कि देवताओं ने उन्हें यज्ञ में भाग नहीं दिया, इसलिए वे धनुष से सबका मस्तक काट लेंगे। देवताओं ने बहुत स्तुति की तो भोलेनाथ ने प्रसन्न होकर यह धनुष उन्हीं देवताओं को दे दिया। देवताओं ने राजा जनक के पूर्वजों के पास वह धनुष धरोहरस्वरूप रखा था।

हिंदू शास्त्रों में यह प्राचीन कहानी सीता के संबंध में मिलती है। सवाल फिर भी आज रहस्य बना हुआ है कि सीता आखिर किसकी पुत्री थीं। गत्समद ऋर्षि की, मंदोदरी की या फिर राजा जनक की?

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