Legend of Mahishasur Mardini: नवरात्रि में जानिए, मां दुर्गा के महिषासुर मर्दिनी रूप की पौराणिक कथा
Legend of Mahishasur Mardini विजयदशमी के दिन जहां एक ओर भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था तो वहीं दूसरी ओर मां दुर्गा ने महिषासुर का वध भी इसी दिन किया था। नवरात्रि में आइए जानते हैं कि महिषासुर वध की कथा के बारे में....
By Jeetesh KumarEdited By: Updated: Sun, 10 Oct 2021 06:00 AM (IST)
Legend of Mahishasur Mardini:विजयदशमी के दिन जहां एक ओर भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था, तो वहीं दूसरी ओर मां दुर्गा ने महिषासुर का वध भी इसी दिन किया था। देवी भागवत की कथा के अनुसार नौ दिनों तक मां दुर्गा और महिषासुर का युद्ध होता रहा। दसवें दिन मां दुर्गा ने भगवान शिव प्रदत त्रिशूल से महिषासुर का वध कर दिया था। इसी कारण मां दुर्गा को महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है। आइए जानते हैं कि महिषासुर को मारने के लिए क्यों लेना पड़ा था मां दुर्गा को अवतार.....
महिषासुर को ब्रह्मा जी का वरदानपौराणिक कथा के अनुसार, दैत्यराज महिषासुर के पिता रंभ नाम का एक असुर थे। रंभ को एक भैंस से प्रेम हो गया जो जल में रहती थी। रंभ और भैंस के योग से ही महिषासुर का जन्म हुआ। इसी कारण महिषासुर अपनी इच्छानुसार भैंस और इंसान का रूप बदल सकता था। कहा जाता है कि महिषासुर ने कठोर तपस्या कर सृष्टिकर्ता ब्रह्मा से वरदान प्राप्त किया। ब्रह्मदेव ने वरदान दिया कि उस पर कोई भी देवता और दानव विजय प्राप्त नहीं कर पाएगा।
मां दुर्गा का अवतरणब्रह्मदेव से वरदान मिलने के बाद महिषासुर स्वर्ग लोक में उत्पात मचाने लगा। एक दिन महिषासुर ने स्वर्ग पर आक्रमण कर दिया। महिषासुर ने इंद्र को परास्त किया और स्वर्ग पर कब्जा कर लिया। उसने सभी देवताओं को वहां से बाहर निकाल दिया। सभी देवगण इससे परेशान होकर त्रिमूर्ति ब्रम्हा, विष्णु और महेश के पास गए और अपनी समस्या बताई। लेकिन ब्रह्मा जी के वरदान के कारण स्वयं ब्रम्हा, विष्णु और महेश भी महिषासुर को हरा नहीं सकते थे। अंततः महिषासुर को मारने के लिए सभी देवताओं नें मां दुर्गा का सृजन किया।
महिषासुर का वधत्रिदेवों के शरीर से शक्ति पुंज निकल कर एकत्रित हुए। इस शक्ति पुजं ने मां दुर्गा का रूप धारण कर लिया। सभी देवताओं नें मां दुर्गा को अपनी-अपनी शक्ति और अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए। मां दुर्गा ने महिषासुर से लगातार नौ दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन उसका वध कर दिया। यही कारण है कि हिंदू धर्म में नौ दिनों तक दुर्गा पूजा मनाई जाती है। वहीं, दसवें दिन को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। महिषासुर के मर्दन के कारण ही मां दुर्गा का नाम महिषासुद मर्दिनी पड़ा।
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