Lord Ram Puja: आज के दिन करें भगवान राम के नामों का जाप, मिलेगी बजरंगबली की कृपा
Lord Ram 108 Names मंगलवार का दिन भगवान हनुमान की पूजा के लिए समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन संकटमोचन हनुमान (Lord Hanuman Puja) के साथ भगवान राम की आराधना करने से जीवन की हर मुश्किलें दूर होती हैं। तो चलिए यहां पढ़ते हैं श्री राम के 108 नाम जिनके जाप से घर खुशियों से भरा रहता है।
By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Tue, 30 Jan 2024 07:00 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Lord Ram 108 Names: सप्ताह का हर दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित है। मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है कि पवन पुत्र की इस दिन पूजा करने से वे मनचाहा वरदान देते हैं। इसके अलावा वे भगवान राम की उपासना से भी बेहद प्रसन्न होते हैं।
इसलिए जो लोग बजरंगबली की कृपा चाहते हैं, उन्हें उनके साथ-साथ प्रभु श्रीराम की पूजा भी जरूर करनी चाहिए। तो आइए यहां पढ़ते हैं भगवान राम के 108 नाम, जिनके जाप से घर धन्य धान से भरा रहता है।
प्रभु श्रीराम के 108 नाम
1. ॐ परस्मै ब्रह्मने नम:।2. ॐ सर्वदेवात्मकाय नमः।
3. ॐ परमात्मने नम:।4. ॐ सर्वावगुनवर्जिताया नम:।5. ॐ विभिषनप्रतिश्थात्रे नम:।6. ॐ जरामरनवर्जिताया नम:।7. ॐ यज्वने नम:।
8. ॐ सर्वयज्ञाधिपाया नम:।9. ॐ धनुर्धराया नम:।10. ॐ पितवाससे नम:।11. ॐ शुउराया नम:।12. ॐ सुंदराया नम:।13. ॐ हरये नम:।14. ॐ सर्वतिइर्थमयाया नम:।15. ॐ जितवाराशये नम:।16. ॐ राम सेतुक्रूते नम:।17. ॐ महादेवादिपुउजिताया नम:।18. ॐ मायामानुश्हा चरित्राया नम:।19. ॐ धिइरोत्तगुनोत्तमाया नम:।20. ॐ अनंतगुना गम्भिइराया नम:।
21. ॐ राघवाया नम:।22. ॐ पुउर्वभाश्हिने नम:।23. ॐ मितभाश्हिने नम:।24. ॐ स्मितवक्त्राया नम:।25. ॐ पुरान पुरुशोत्तमाया नम:।26. ॐ अयासाराया नम:।27. ॐ पुंयोदयाया नम:।28. ॐ महापुरुष्हाय नम:।29. ॐ परमपुरुष्हाय नम:।30. ॐ आदिपुरुष्हाय नम:।31. ॐ स्म्रैता सर्वाघा नाशनाया नम:।32. ॐ सर्वपुंयाधिका फलाया नम:।33. ॐ सुग्रिइवेप्सिता राज्यदाया नम:।
34. ॐ सर्वदेवात्मकाया परस्मै नम:।35. ॐ पाराया नम:।36. ॐ पारगाया नम:।37. ॐ परेशाया नम:।38. ॐ परात्पराया नम:।39. ॐ पराकाशाया नम:।40. ॐ परस्मै धाम्ने नम:।41. ॐ परस्मै ज्योतिश्हे नम:।42.ॐ सच्चिदानंद विग्रिहाया नम:।43. ॐ महोदराया नम:।44. ॐ महा योगिने नम:।45. ॐ मुनिसंसुतसंस्तुतया नम:।46. ॐ ब्रह्मंयाया नम:।
47. ॐ सौम्याय नम:।48. ॐ सर्वदेवस्तुताय नम:।49. ॐ महाभुजाय नम:।50. ॐ महादेवाय नम:।51. ॐ राम मायामारिइचहंत्रे नम:।52. ॐ राम मृतवानर्जीवनया नम:।53. ॐ सर्वदेवादि देवाय नम:।54. ॐ सुमित्रापुत्र सेविताया नम:।55. ॐ राम जयंतत्रनवरदया नम:।56. ॐ चित्रकुउता समाश्रयाया नम:।57. ॐ राम राक्षवानरा संगथिने नम:।58. ॐ राम जगद्गुरवे नम:।
59. ॐ राम जितामित्राय नम:।60. ॐ राम जितक्रोधाय नम: ।61. ॐ राम जितेंद्रियाया नम:।62. ॐ वरप्रदाय नम:।63. ॐ पित्रै भक्ताया नम: ।64. ॐ अहल्या शाप शमनाय नम:।65. ॐ दंदकारंय पुण्यक्रिते नम:।66. ॐ धंविने नम:।67. ॐ त्रिलोकरक्षकाया नम: ।68. ॐ पुंयचारित्रकिइर्तनाया नमः।69. ॐ त्रिलोकात्मने नमः।70. ॐ त्रिविक्रमाय नमः।
71. ॐ वेदांतसाराय नमः।72. ॐ तातकांतकाय नमः।73. ॐ जामद्ग्ंया महादर्पदालनाय नमः।74. ॐ दशग्रिइवा शिरोहराया नमः।75. ॐ सप्तताला प्रभेत्त्रे नमः।76. ॐ हरकोदांद खान्दनाय नमः।77. ॐ विभीषना परित्रात्रे नमः।78. ॐ विराधवाधपन दिताया नमः।79. ॐ खरध्वा.सिने नमः।80. ॐ कौसलेयाय नमः।81. ॐ सदाहनुमदाश्रिताय नमः।82. ॐ व्रतधाराय नमः।
83. ॐ सत्यव्रताय नमः।84. ॐ सत्यविक्रमाय नमः।85. ॐ सत्यवाचे नमः।86. ॐ वाग्मिने नमः।87. ॐ वालिप्रमाथानाया नमः।88. ॐ शरणात्राण तत्पराया नमः।89. ॐ दांताय नमः।90. ॐ विश्वमित्रप्रियाय नमः।91. ॐ जनार्दनाय नमः।92. ॐ जितामित्राय नमः।93. ॐ जैत्राय नमः।94. ॐ जानकिइवल्लभाय नमः।95. ॐ रघुपुंगवाय नमः।96. ॐ त्रिगुनात्मकाया नमः।
97. ॐ त्रिमुर्तये नमः।98. ॐ दुउश्हना त्रिशिरो हंत्रे नमः।99. ॐ भवरोगस्या भेश्हजाया नमः।100. ॐ वेदात्मने नमः।101. ॐ राजीवलोचनाय नमः।102. ॐ राम शाश्वताया नमः।103 ॐ राम चंद्राय नमः।104. ॐ राम भद्राया नमः।105. ॐ राम रामाय नमः।106. ॐ सर्वदेवस्तुत नमः।107. ॐ महाभाग नमः।108. ॐ मायामारीचहन्ता नमः।यह भी पढ़ें: Chausath Yogini Temple History: बेहद रहस्यमयी है भारत का यह चौसठ योगिनी मंदिर, जानें इससे जुड़े रोचक तथ्यडिसक्लेमर-'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'