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Lord Vishnu: इसलिए क्षीर सागर में निवास करते हैं भगवान श्री हरि विष्णु, जानिए इसके पीछे का रहस्य

हिंदू धर्म में सभी देवी-देवता की पूजा का अपना एक खास महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा (Lord Vishnu) बेहद शुभ मानी गई है। ऐसी मान्यता है कि उनकी आराधना करने से सभी कष्टों का अंत होता है। वहीं आज हम भगवान विष्णु क्षीर सागर में क्यों निवास करते हैं इसके पीछे की वजह जानेंगे तो आइए जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 12 May 2024 04:00 PM (IST)
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Lord Vishnu: भगवान विष्णु क्षीर सागर में क्यों निवास करते हैं ?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Lord Vishnu: हिंदू धर्म अपनी संस्कृति, मान्यताओं और पूजा-पाठ के लिए जाना जाता है। यहां सभी देवी-देवता की पूजा का अपना एक खास महत्व है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा बेहद शुभ मानी गई है। ऐसी मान्यता है कि उनकी आराधना करने से सभी कष्टों का अंत होता है। वहीं, आज हम भगवान विष्णु क्षीर सागर में क्यों निवास करते हैं, इसके पीछे की वजह जानेंगे, तो आइए जानते हैं -

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भगवान विष्णु क्षीर सागर में क्यों निवास करते हैं ?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, सृष्टि के पालनहार कहे जाने वाले श्री हरि क्षीर सागर में निवास करते हैं और इसमें निवास करना यह दर्शाता है कि वे प्रलय के बाद सृष्टि का पुनर्निर्माण करते हैं। इस दिव्य सागर में भगवान विष्णु का विश्राम करना बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।

वहीं, शेषनाग की शैय्या पर उनके विराजमान होने से पता चलता है कि कैसे नारायण हर परिस्थिति में समान रहते हैं और अपने भक्तों के सभी दुखों को दूर करते हैं। इसके अलावा क्षीर सागर में उनके साथ माता लक्ष्मी भी निवास करती हैं।

विष्णु पूजन का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त भगवान विष्णु के क्षीर सागर में निवास करने वाले स्वरूप की पूजा करते हैं, उनके जीवन का बुरा दौर समाप्त हो जाता है। इसके साथ ही उनके घर में माता लक्ष्मी सदैव के लिए निवास करती हैं और उस घर में कभी दरिद्रता का वास नहीं रहता है।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।