Lunar Eclipse 2019: आप ऐसे देख सकते हैं साल 2019 का आखिरी चंद्र ग्रहण
Lunar Eclipse 2019 चंद्र ग्रहण का कई राशियों पर प्रभाव पड़ेगा पिछले साल 27 जुलाई को चंद्रग्रहण 3 घंटे 51 मिनट के लिए लगा था। हालांकि इस बार यह 2 घंटे 59 मिनट के समय के लिए लगेगा।
By Ruhee ParvezEdited By: Updated: Tue, 16 Jul 2019 11:18 AM (IST)
नई दिल्ली। Lunar Eclipse 2019: साल 2019 का आखिरी चंद्र ग्रहण 16 जुलाई यानी मंगलावर को दिखाई देगा। यह रात में एक बजकर 31 मिनट से दिखेगा और 17 जुलाई की सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर खत्म हो जाएगा। अषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष को चंद्र ग्रहण के दिन ही गुरु पूर्णिमा भी पड़ रही है जिससे इस दिन का महत्व काफी बढ़ गया है।
धार्मिक मान्यता है कि चंद्र ग्रहण के समय भगवान के मन ही मन स्मरण करते रहना चाहिए। हालांकि कहा जा रहा है कि यह चंद्र ग्रहण पूरा नहीं बल्कि आंशिक होगा। आंशिक इसलिए क्योंकि इस परिस्थिति में सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी घूमते हुए आती है, लेकिन तीनों एक क्रम में नहीं होते।मंगलवार के दिन चंद्र ग्रहण का कई राशियों पर प्रभाव पड़ेगा पिछले साल 27 जुलाई को चंद्रग्रहण 3 घंटे 51 मिनट के लिए लगा था। हालांकि इस बार यह 2 घंटे 59 मिनट के समय के लिए लगेगा।
आप इस चंद्र ग्रहण को नासा की वेबसाइट www.nasa.gov पर लाइव भी देख सकते हैं। इस बार चंद्र ग्रहण 2019 को लेकर नासा ने अपनी वेबसाइट में लिखा है, "चंद्र ग्रहण सिर्फ पूर्णिमा पर होता है और आंशिक चंद्र ग्रहण बहुत कम होता है क्योंकि यह केवल तब हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा पूरी तरह से एक रेखा में होते हैं। 16 जुलाई को होने वाले आंशिक चंद्र ग्रहण के मामले में चंद्रमा का केवल एक हिस्सा पृथ्वी की छाया में आता है।"
क्या है चंद्र ग्रहण का समय
16 जुलाई की रात एक बजकर 31 मिनट से 17 जुलाई की सुबह 4 बजकर 30 मिनट तक आप ग्रहण देख सकते हैं। यह कुल दो घंटे और 59 सेकंड यानी तीन घंटे तक लगा रहेगा।
कहां-कहां दिखेगा चंद्र ग्रहणयह दक्षिण अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। ग्रहण को पूरे भारत में भी देखा जा सकता है। इस दिन चांद पूरे देश में शाम 6 बजे से शाम 7 बजकर 45 मिनट तक उदित होगा, जिसे देशभर के लोग देख सकेंगे। इसके लिए कोई सावधानी बरतने की जरूरत नहीं है, आप इसे बिना किसी चश्मे के नंगी आंखों से देख सकते हैं। आप इसे देखने के लिए टेलिस्कोप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि देश के पूर्वी भाग में स्थित बिहार, असम, बंगाल और उड़ीसा में ग्रहण की अवधि में ही चांद अस्त हो जाएगा।