Maa Durga Weapons: त्रिशूल से लेकर वज्र तक, जानें- जगत जननी मां दुर्गा के 10 दिव्य शस्त्रों का धार्मिक महत्व
Significance Of The Maa Durga 10 Weapons देवी दुर्गा शक्ति अनुग्रह और असीम करुणा का प्रतीक हैं। जिसका पता आप उनके धारण किए हुए अस्त्र-शस्त्र से लगा सकते हैं। जानकारी के लिए बता दें मां जगदम्बा ने जिन शस्त्रों को धारण किया है उनका अपना एक अलग महत्व है जिनके बारे में आज हम चर्चा करेंगे। आइए जानते हैं -
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Maa Durga Weapons: दुर्गा पूजा को लेकर लोगों की अपनी मान्यताएं और परंपराएं हैं। यह पर्व मां दुर्गा के भक्तों के लिए बेहद खास है। देवी दुर्गा शक्ति, अनुग्रह और असीम करुणा का प्रतीक हैं। जिसका पता आप उनके धारण किए हुए अस्त्र-शस्त्र से लगा सकते हैं। जानकारी के लिए बता दें, मां जगदम्बा ने जिन शस्त्रों को धारण किया है, उनका अपना एक अलग महत्व है, जिनके बारे में आज हम चर्चा करेंगे।
त्रिशूल
मां जगदम्बा के हथियारों के केंद्र में त्रिशूल है, जिसे भगवान शिव ने दिया था। त्रिशूल के तीन शूल पृथ्वी पर प्रत्येक जीवित प्राणी के मौलिक गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं - शांति, मोक्ष और ऊर्जा । यह त्रिशूल आत्मा के भीतर एक सामंजस्यपूर्ण संतुलन का प्रतीक हैं।
तलवार
तलवार तीव्र बुद्धि और बुद्धिमत्ता का प्रतीक है, इसे भगवान गणेश ने मां दुर्गा को दिया था। इसकी पैनी धार ज्ञान की प्रतिभा का प्रतीक है, जबकि इसकी तीक्ष्णता ज्ञान का प्रतिनिधित्व करती है। कहा जाए, तो यह तलवार नकारात्मक शक्तियों पर विजय प्राप्त करती है।
यह भी पढ़ें : Maha Navami 2023: महानवमी पर इस विधि से करें पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
भाला
भाला तेज शक्ति का प्रतीक है, इसे अग्नि देव ने मां आदिशक्ति को भेंट किया था। यह हथियार उग्र शक्ति और सही-गलत के बीच अंतर करने की क्षमता प्रदान करता है। साथ ही यह धार्मिकता के प्रति देवी की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में खड़ा है।
कुल्हाड़ी
इस दिव्य कुल्हाड़ी को भगवान विश्वकर्मा ने मां दुर्गा को प्रदान किया था। कुल्हाड़ी प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने में निडरता, विनाश और निर्माण दोनों की शक्ति का प्रतिनिधित्व करती है। इससे देवी बिना किसी हिचकिचाहट के बुराई का सामना करती हैं।
धनुष-बाण
वायु देव ने देवी दुर्गा को धनुष और बाण प्रदान किया था। तीर त्वरित कार्रवाई करने की क्षमता का प्रतीक है, जबकि धनुष ध्यान केंद्रित करने और सब कुछ हासिल करने की क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है। साथ में, वे हम सभी के भीतर शक्ति और क्षमता के संतुलन का प्रतीक हैं।
कमल
ब्रह्मा जी ने मां दुर्गा को कमल भेंट किया था, जो जीवन के परीक्षणों और कष्टों के सामने आध्यात्मिक चेतना के खिलने का प्रतीक है। जिस प्रकार कमल गंदे पानी से निकलकर पूरे सौंदर्य के साथ खिलता है, उसी प्रकार हमारी आध्यात्मिक जागरूकता जीवन की सबसे बड़ी चुनौतियों में भी विकसित हो सकती है।
सुदर्शन चक्र
भगवान विष्णु ने मां आदिशक्ति को सुदर्शन चक्र प्रदान किया गया था। यह दिव्य सुदर्शन मां के हाथों की शोभा बढ़ाने के साथ पूरे ब्रह्मांड की रक्षा करता है। मां ने इसे अपनी तर्जनी उंगली पर धारण किया है, जो धार्मिक आदेश का एक प्रमाण है।
शंख
वरुण देव ने मां दुर्गा को शंख प्रदान किया था, जिसकी आवाज से पूरे संसार में सकारात्मकता का संचार होता है। यह भी माना जाता है कि शंख की ध्वनि सभी नकारात्मक ऊर्जाओं को खत्म करती है।
वज्र
वज्र सर्वोच्च शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। इसे भगवान इंद्र ने मां दुर्गा को प्रदान किया था। वज्र के जरिए मां संसार में फैली हर बुराइयों का अंत करती हैं।
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'