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Tulsi Puja Niyam: रोजाना करते हैं तुलसी की पूजा, तो जरूर जानें ये बातें, वरना बढ़ सकती हैं मुश्किलें

माता तुलसी की पूजा का शास्त्रों में विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि देवी की पूजा करने से जीवन में शुभता आती है लेकिन तुलसी पूजन (Tulsi Puja Niyam) में अनजाने में कई बार ऐसी गलतियां हो जाती है जिसे हम अनदेखा कर देते हैं जो कि नहीं करना चाहिए तो चलिए जानते हैं कि तुलसी पूजन के दौरान किन बातों का ध्यान देना चाहिए?

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 28 Sep 2024 11:21 AM (IST)
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तुलसी पूजन के दौरान रखें इन बातों का ध्यान।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में तुलसी को सबसे पवित्र पौधा मानते हैं। ज्यादातर हिंदू घरों में तुलसी का पौधा होता है और लोग प्रतिदिन स्नान करने के बाद इसकी पूजा करते हैं। मां तुलसी को वृंदा के नाम से भी जाना जाता है, जो भगवान विष्णु की परम भक्त हैं। यही वजह है कि विष्णु जी की पूजा देवी तुलसी के बिना अधूरी होती है। ऐसा कहा जाता है कि तुलसी में माता लक्ष्मी का वास होता है। ऐसे में जो लोग देवी की आराधना भाव के साथ करते हैं, उन्हें सुख और शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में खुशहाली आती है।

हालांकि तुलसी पूजन (Tulsi Puja Niyam) में अनजाने में कई बार ऐसी गलतियां हो जाती है, जिसे हम अनदेखा कर देते हैं, जो कि नहीं करना चाहिए, तो आइए जानते हैं कि तुलसी पूजन के दौरान किन बातों का ध्यान देना चाहिए?

तुलसी पूजन के दौरान रखें इन बातों का ध्यान (Tulsi Puja ke Niyam)

  • तुलसी के पौधे पर लोग चुनरी व लाल कपड़ा चढ़ाने के बाद उसे बदलना भूल जाते हैं, जो कि गलत है। लोगों को तुलसी के वस्त्रों को भी उचित समय पर बदलते रहना चाहिए।
  • तुलसी के पौधे को सूर्यास्त के बाद नहीं छूना चाहिए, इससे दोष लगता है।
  • एकादशी के दिन तुलसी को भूलकर भी नहीं तोड़ना चाहिए।
  • तुलस दल को तोड़ते समय इस बात का ध्यान रखें कि पहले उन्हें प्रणाम करें फिर भाव के साथ आराम से उन्हें तोड़े।
  • तुलसी दल को कभी भी नाखून से खींचकर नहीं तोड़ना चाहिए।
  • रविवार के दिन तुलसी में जल और दीपक नहीं जलाना चाहिए।
  • तुलसी के समक्ष दीपक जलाते समय दीपक को चावल का आसन जरूर देना चाहिए।

तुलसी पूजा मंत्र

1. तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।