Move to Jagran APP

Magh Gupt Navratri 2023: गुप्त नवरात्रि के दौरान जरूर करें इन विशेष नियमों का पालन

Magh Gupt Navratri 2023 शास्त्रों में गुप्त नवरात्रि के सन्दर्भ में कई बाते बताई गई हैं। साथ ही इनमें कुछ नियमों का भी उल्लेख किया गया है जिनका पालन करने से भक्तों को मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए पढ़ते हैं गुप्त नवरात्रि के कुछ नियम।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Mon, 23 Jan 2023 02:07 PM (IST)
Hero Image
Magh Gupt Navratri 2023: जानिए माघ गुप्त नवरात्रि के कुछ विशेष नियम।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Magh Gupt Navratri 2023: हिंदू धर्म में माघ गुप्त नवरात्रि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। गुप्त नवरात्रि के इन 9 दिनों में मां भगवती के 9 महाविद्याओं की उपासना की जाती है। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में मां भगवती की पूजा करने से सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं और भक्तों को बल, बुद्धि, धन, ऐश्वर्य एवं सुख-शांति की प्राप्ति होती है। बता दें कि इस वर्ष माघ गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ 22 जनवरी 2023, रविवार से हो चुका है। ऐसे में साधकों को कुछ विशेष नियमों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि शास्त्रों में बताए गए इन नियमों का पालन करने से व्रत का फल पूर्ण रूप से प्राप्त होता है अन्यथा देवी-देवता नाराज हो जाते हैं।

गुप्त नवरात्रि के नियम (Magh Gupt Navratri 2023 Niyam)

  • शास्त्रों में बताया गया है कि गुप्त नवरात्रि की अवधि में व्यक्ति को पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। साथ ही उन्हें अपनी इंद्रियों पर काबू रखना चाहिए। ऐसा करने से पूजा-पाठ में मन एकाग्र रहेगा।

  • गुप्त नवरात्रि की अवधि में 9 दिनों तक मदिरापान या किसी अन्य नशीले पदार्थ का सेवन ना करें। साथ ही इस दौरान तामसिक भोजन भी ना करें। ऐसा करने से मां दुर्गा नाराज हो जाती हैं।

  • शास्त्रों में यह भी बताया गया है की नवरात्रि की अवधि में व्यक्ति को मन में नकारात्मक विचार नहीं लाने चाहिए। साथ ही उसे अपशब्द का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए। इस अवधि में बड़ों का सम्मान करें और सामर्थ्य अनुसार जरूरतमंद को दान में अन्न, धन या वस्त्र अवश्य प्रदान करें।

  • गुप्त नवरात्रि के दौरान व्यक्ति को देर तक नहीं सोना चाहिए। साथ ही उसे चमड़े से बनी चीजें जैसे पर्स, बेल्ट या जूते धारण नहीं करने चाहिए। ऐसा करना पाप की श्रेणी में आता है।

  • नवरात्रि की अवधि में क्रोध से बचें। ऐसा इसलिए क्योंकि क्रोध करने से मां भगवती नाराज हो जाती हैं और व्यक्ति को व्रत का फल नहीं मिलता है। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए संध्या काल में माता की आरती अवश्य करें।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।