Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Magh Pradosh Vrat 2024: इस दिन रखा जाएगा फरवरी माह का दूसरा प्रदोष व्रत, जानें पूजा विधि और महत्व

प्रदोष व्रत (Magh Budh Pradosh Vrat 2024) को बेहद फलदायी माना जाता है। इस खास दिन पर जातक उपवास करते हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं। ऐसा करने से व्यक्ति को खुशी स्वास्थ्य सफलता और मुक्ति का वरदान प्राप्त होता है। इस महीने का आखिरी प्रदोष व्रत 21 फरवरी 2024 दिन बुधवार को रखा जाएगा।

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Sun, 18 Feb 2024 10:07 AM (IST)
Hero Image
Magh Budh Pradosh Vrat 2024: बुध प्रदोष व्रत की पूजा विधि

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Magh Budh Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत महीने में दो बार मनाया जाता है और यह भगवान शिव को समर्पित होता है। प्रदोष का अर्थ है अंधकार को समाप्त करना। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस शुभ दिन पर साधक उपवास करते हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं।

ऐसा करने से व्यक्ति को खुशी, स्वास्थ्य, सफलता और मुक्ति का वरदान प्राप्त होता है। माह का आखिरी प्रदोष 21 फरवरी, 2024 को मनाया जाएगा।

बुध प्रदोष व्रत की पूजा विधि

प्रदोष का उपवास भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद पाने के लिए रखा जाता है। इस दिन व्रती को सुबह जल्दी उठकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें। पंचामृत से भोलेनाथ का अभिषेक करें। शिव जी को चंदन और पार्वती माता को कुमकुम का तिलक लगाएं।

फल और सफेद मिठाई का भोग लगाएं। शिव चालीसा का पाठ करें। आरती से पूजा का समापन करें। सूर्योदय से सूर्यास्त तक कठिन व्रत का पालन करें।

यह भी पढ़ें: Gupt Navratri 2024: गुप्त नवरात्र के आखिरी दिन करें सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ, मिलेगी मां दुर्गा की कृपा

बुध प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व

सनातन धर्म में बुध प्रदोष का बड़ा धार्मिक महत्व है। यह व्रत बच्चों के लिए बेहद कल्याणकारी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो महिलाएं संतान की कामना रखती हैं, उन्हें यह उपवास जरूर रखना चाहिए, क्योंकि इसके प्रभाव से संतान रत्न की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही यह व्रत संतान की सुरक्षा के लिए भी रखा जाता है।

भगवान शिव का पूजन मंत्र

  • शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।

    ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।

  • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

    उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

  • ।। ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात ।।

यह भी पढ़ें: Sunday Ke Upay: दांपत्य जीवन होगा सुखी, आर्थिक तंगी से मिलेगा निजात, रविवार के दिन करें ये उपाय

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'