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Shardiya Navratri 2024 day 9: यहां जानें महानवमी की पूजा विधि से लेकर भोग व मंत्र तक सबकुछ

नवरात्र के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है वहीं नौवें दिन मां सिद्धिदात्रि की पूजा का विधान है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार नवरात्र की महाष्टमी और महानवमी का व्रत एक ही दिन यानी शुक्रवार 11 अक्टूबर को किया जा रहा है। ऐसे में इस दिन महागौरी और सिद्धिदात्रि दोनों देवियों की पूजा-अर्चना करना शुभ होगा।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 11 Oct 2024 01:16 PM (IST)
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Shardiya Navratri 2024: जानें महानवमी की पूजा विधि से लेकर भोग और मंत्र तक सबकुछ
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। नवदुर्गा की पूजा-अर्चना के लिए नवरात्र की अवधि को बेहद खास माना जाता है। इसी प्रकार नवरात्र की अष्टमी व नवमी तिथि भी बहुत ही खास मानी गई हैं। जिसमें माता रानी की पूजा-अर्चना के बाद कन्या पूजन किया जाता है और इसके बाद ही व्रत का पारण किया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं नवरात्र के नौवें दिन के लिए पूजा विधि, भोग व मंत्र।

पारण का समय (Navratri Paran time)

शुक्रवार, 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 06 मिनट तक अष्टमी तिथि रहने वाली है। इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। ऐसे में नवमी तिथि पर नवरात्र व्रत का पारण करने वाले लोग, अगले दिन अष्टमी तिथि समाप्त होने के बाद पारण कर सकते हैं। वहीं, अष्टमी का व्रत रखने वाले साधक दशहरा पर व्रत का पारण कर सकते हैं। साधक नवमी तिथि का पारण भी दशहरा के दिन सुबह 11 बजे तक कर सकते हैं।

माता रानी की पूजा विधि (Maha Navami Puja Vidhi)

महानवमी के दिन जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होने के बाद साफ कपड़े धारण करें। इसके बाद मां दुर्गा को फूलों की माला चढ़ाएं और पुष्‍प चढ़ाकर आवाहन करें। पूजा में माता को लाल पुष्प, अक्षत, चंदन, फल और मिठाई आदि अर्पित करें। मां दुर्गा के मंत्र और दुर्गा चालीसा का पाठ करें। व्रत कथा का पाठ करें और अंत में परिवार सहित माता रानी की आरती करें। पूजा समाप्त होने के बाद सभी लोगों में प्रसाद बांटे।

लगाएं इन चीजों का भोग (Maha Navami Bhog)

नवरात्र में नौवें दिन की पूजा में आप माता रानी को सूजी का हलवा, पूरी, काले चने और खीर का भोग जरूर लगा सकते हैं। यह भोग माता रानी को अति प्रिय माने गए हैं। इसके बाद अपने घर कन्याओं को आमंत्रित कर उन्हें प्रसाद के रूप में इन्हीं चीजों का भोग लगाएं। इससे देवी मां अति प्रसन्न होती हैं और साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

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इन मंत्रों का जाप (Mata rani Mantra)

ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।