Mahabharat Story: कुंती की एक शर्त मानने के बाद हुआ था भीम के साथ हिडिम्बा का विवाह
महाभारत में कई ऐसी रोचक कथाएं मिलती हैं जो व्यक्ति को अंचभित कर सकती हैं। पांडव जो महाभारत के मुख्य पात्र रहे हैं उन्हें लेकर इस ग्रंथ में यह वर्णन मिलता है कि द्रोपदी पांचों पांडवों की पत्नी थी। इसके अलावा भी सभी पांडवों की अलग-अलग पत्नियां भी थीं। आज हम आपको भीमसेन और हिडिम्बा के विवाह से जुड़ी एक कथा बताने जा रहे हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। द्रौपदी के अलावा भी भीमसेन की एक और पत्नी थी, जिसका नाम हिडिम्बा था। हिडिम्बा से भीम के विवाह को लेकर महाभारत में एक रोचक कथा मिलती है, जिसमें यह बताया गया है कि किस प्रकार भीम से विवाह की चाह में हिडिम्बा ने कुंती की एक ऐसी शर्त भी मान ली थी, जो किसी भी महिला के लिए मानना मुश्किल है।
भीम को देखते ही मोहित हो गई हिडिम्बा
महाभारत में वर्णित कथा के अनुसार, एक बार जब दुर्योधन ने पांडवों के लिए लाक्षागृह तैयार करवाया था, तब पांडव, माता कुंती के साथ उससे बच निकले और उन्हें एक रात जंगल में बितानी पड़ी। जब सभी पांडव और माता कुंती विश्राम कर रहे थे, तब भीम पहरा दे रहे थे। इसी दौरान हिडिम्बा, जो एक राक्षसी थी, उनकी नजर पहरा दे रहे भीम पर पड़ी और वह उन्हें मन ही मन ने पसंद करने लगी।
भीम को मोहित करने के लिए हिडिम्बा ने सुंदर अप्सरा का रूप धारण किया और भीम के पास गई। लेकिन इसी बीच हिडिम्बा का भाई हिडिम्ब वहां आ गया, जो पांडवों को मारकर उनका मांस खाना चाहता था। उसने भीम पर हमला कर दिया, जिससे भीम हिडिम्ब के बीच युद्ध छिड़ गया। इस युद्ध में भीमसेन की विजय हुई और हिडिम्ब मारा गया।
भीम के सामने रखा विवाह का प्रस्ताव
इसके बाद हिडिम्बा अपने असली रूप में आई और उसने भीम के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा। लेकिन भीम ने यह कहकर विवाह से इनकार कर दिया कि तुम राक्षस कुल की हो। इसके बाद हिडिम्बा माता कुंती के पास गई उनसे भीम और अपने विवाह की बात कहने लगी। तब कुंती विवाह के लिए तो मान गई, लेकिन उन्होंने हिडिम्बा के सामने एक शर्त भी रख दी।
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कुंती ने रखी ये शर्त
शर्त के अनुसार, भीम, हिडिम्बा के साथ केवल तब तक ही रहेगा, जब तक कि उन्हें संतान की प्राप्ति नहीं हो जाती। हिडिम्बा भीम के साथ विवाह करना चाहती थी, इसलिए वह इस शर्त को मान गई। इसके बाद दोनों का गंधर्व विवाह हुआ और वह जंगल में साथ रहने लगे। कुछ समय बाद हिडिंबा और भीम का एक पुत्र भी हुआ जिसका नाम घटोत्कच रखा गया।
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