Mahakal Shahi Sawari 2023: इस दिन अपने भक्तों से मिलने आएंगे भगवान महाकाल, जानिए शाही सवारी की तिथियां
Mahakal Shahi Sawari 2023 Vinayaka Chaturthi 2023 श्रावण मास भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व है। इस मास में भगवान शिव के पवित्र ज्योतिर्लिंग के दर्शन को भी विशेष महत्व है दिया गया है। बता दें कि उज्जैन के राजा भगवान महाकाल सावन मास में अपनी प्रजा से मिलने शाही सवारी पर निकलते हैं। सावन में प्रत्येक सोमवार के महाकाल भगवान की सवारी निकाली जाती है।
By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Wed, 16 Aug 2023 04:36 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Mahakal Shahi Sawari 2023: श्रावण मास में भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव की उपासना करने से साधक को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। श्रावण मास में भगवान शिव के पवित्र धाम के दर्शन का भी विशेष महत्व है। इन्हीं में से एक है मध्यप्रदेश में महाकालेश्वर मंदिर। यहां भगवान महाकाल विराजमान हैं जिनका स्थान द्वादश ज्योतिर्लिंगों में लिया जाता है। बता दें कि श्रावण मास में प्रत्येक सोमवार के दिन महाकालेश्वर, ओमकारेश्वर और पशुपतिनाथ मंदिर में भगवान शिव की शाही सवारी निकाली जाती है। इस दिन महादेव अपने भक्तों से मिलने के लिए शाही पर आते हैं। आइए जानते हैं, कब-कब निकाली जाएगी भगवान शिव की शाही सवारियां?
अलग-अलग तिथियों पर निकाली जाएगी शाही सांवरिया
श्रावण मास में भगवान शिव की चार शाही सवारियां निकाली जाएंगी। एक 21 अगस्त, दूसरा 28 अगस्त, तीसरा 4 सितंबर और अंतिम शाही सवाल 11 सितंबर को निकलेगी। बता दें कि सावन मास के अंतिम सोमवार के दिन यानि 11 सितंबर को भगवान महाकाल की शाही सवारी निकाली जाएगी। वहीं श्रावन मास के सातवें सोमवार 21 अगस्त के दिन ओंकारेश्वर और ममलेश्वर भगवान की महासवारी निकल जाएगी और 28 अगस्त को भगवान पशुपतिनाथ अपने भक्तों से मिलने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
प्रजा का हाल जानने और उनसे मिलने निकलते भगवान महाकाल
शिव नगरी उज्जैन में भगवान महाकाल विराजमान हैं। भगवान महाकाल को अवंतिका नगरी यानि उज्जैन का राजा कहा जाता है। इसलिए हिंदू धर्म में मनाए वाले सभी प्रमुख त्योहारों को सबसे पहले महाकालेश्वर मंदिर में मनाया जाता है। श्रावण मास में भगवान महाकाल अपनी प्रजा से मिलने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं। इस दौरान भक्तों को भगवान महाकाल के अलग-अलग स्वरूपों के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है।डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।