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Mahashivratri 2023: इन 4 ग्रहों की पीड़ा से मुक्ति के लिए महाशिवरात्रि के दिन जरूर करें यह विशेष उपाय

Mahashivratri 2023 धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व है। इस विशेष दिन पर ग्रह शांति के लिए की गई पूजा का लाभ साधकों को मिलता है और उनके कई दुःख दूर हो जाते हैं।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Wed, 15 Feb 2023 08:07 AM (IST)
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Mahashivratri 2023: कुंडली में उग्र ग्रहों की शांति के लिए करें ये उपाय।

नई दिल्ली, अध्यात्मिक डेस्क | Mahashivratri 2023 Grah Shanti Upay: 18 फरवरी 2023, शनिवार के दिन महाशिवरात्रि पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। शास्त्रों में बताया गया है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस विशेष दिन पर पूजा-पाठ, स्नान एवं दान करने से साधकों को विशेष लाभ मिलता है। बता दें कि त्रिदेव अर्थात ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश में भगवान शिव सृष्टि के संहारक हैं। उनकी पूजा से कई प्रकार के दोष और ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि भगवान शिव की उपासना से चार प्रमुख ग्रहों के दुष्प्रभाव कम किए जा सकते हैं। आइए जानते हैं-

शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति का उपाय

ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की उपासना करने से और शिवलिंग पर गन्ने का रस और काला तिल अर्पित करने से शनि ढैय्या और शनि की साढ़ेसाती के प्रकोप से निजात पाया जा सकता है।

राहु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार महाशिवरात्रि पर्व के दिन भगवान शिव का अभिषेक जल में दूर्वा और कुश मिलाकर करने से राहु के दुष्प्रभाव को दूर किया जा सकता है। साथ ही इस दिन भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का कम से कम ग्यारह बार जाप करें।

कुंडली में चंद्र देव को मजबूत करने के लिए

भगवान शिव अपने मस्तक पर चंद्र धारण करते हैं। इसलिए शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ चंद्र देव की उपासना करनी चाहिए। निशिता काल में हो सके तो चांदी के लौटे से चंद्र देव को दूध अर्पित करें और और रुद्राक्ष की माला से 'ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः' मंत्र का जाप पूरी माला करें। ऐसा करने से आरोग्यता और मानसिक तनाव से मुक्ति का आशीर्वाद मिलता है।

मंगल दोष से मुक्ति का उपाय

ज्योतिष शास्त्र में मंगल दोष को बहुत ही नकारात्मक माना जाता है। इस दोष के उत्पन्न होने से कई प्रकार की समस्याएं जातक को झेलनी पड़ती है। इस दोष से मुक्ति के लिए महाशिवरात्रि के दिन गंगाजल में लाल रंग का पुष्प, लाल चंदन और गुड़ मिलकर भगवान शिव का अभिषेक करें। साथ ही इस दौरान 'ॐ नमो भगवते रुद्राय नम:' का कम से कम 108 बार जाप करें।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।